
यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे लेकिन ऐसा कहा जाता था कि सरकार सोनियां गांधी के दफ्तर से ही चलती थी. सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते 2004 में यूपीए की सरकार का गठन हुआ लेकिन सोनिया प्रधानमंत्री नहीं बनीं. मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सोनिया ने बताया कि उन्होंने मनमोहन सिंह को क्यो प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने सोनिया गांधी से पूछा कि आपकी अगुवाई में यूपीए ने चुनाव जीता और आप सरकार चला भी सकती थीं, लेकिन आप प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनीं. इस पर सोनिया ने कहा कि मुझे विश्वास था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपनी सीमाएं जानती थीं, यही वजह रही कि मैंने कभी प्रधानमंत्री का पद पाने के बारे में नहीं सोचा.
सोनिया से जब आगामी चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में हम अच्छा करने जा रहे हैं. दोनों राज्यों के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई है और विधानसभा चुनाव के नतीजे भी हमारे पक्ष में होंगे.
कर्नाटक चुनाव पर सोनिया ने कहा कि कर्नाटक हमारे लिए काफी अहम राज्य है और भरोसा है कि वहां कांग्रेस की सरकार बरकरार रहेगी. उन्होंने कहा कि जनता ने ये भरोसा दिलाया भी है लेकिन मेरा मानना है जमीन पर आखिर तक काम करते रहना चाहिए.
मोदी की मार्केटिंग से हारे चुनाव
पिछले लोकसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि 2014 के चुनाव में जिस तरीके की मार्केटिंग नरेंद्र मोदी की ओर से की गई हम उसका सामना नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि आगे में इससे लड़ने की कोशिश करेंगे और भरोसा है कि 2019 में कांग्रेस पार्टी दोबारा वापसी करेगी.
इसके अलावा सोनिया ने कहा कि बीजेपी की तरह से भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. उन्होंने हाल ही में आए टू जी केस के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले से साफ है कि किस तरह से कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया.