
इंडिया टुडे ग्रुप के लोकप्रिय और चर्चित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2019' का आगाज हो गया है. 'सिटिजन कौन- एनआरसी बनाम नागरिकता संशोधन अधिनियम' सेशन में बीजेपी नेता चंद्र बोस, AIUDF नेता अमीनुल इस्लाम, जादवपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के प्रोफेसर मोनोजीत मंडल, सुप्रीम कोर्ट के वकील उपमन्यु हजारिका और सुप्रीम कोर्ट के सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग के पूर्व प्रमुख कृष्ण महाजन ने अपनी राय रखी. मंच का संचालन राहुल कंवल, न्यूज डायरेक्टर, टीवी टुडे नेटवर्क ने किया.
बीजेपी नेता चंद्र बोस ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल, जो सदन में पेश किया गया उस पर देश भर में काफी कंफ्यूजन है. लेकिन यह होना नहीं चाहिए. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल भारत के असल नागरिकों को उनका अधिकार देता है. देश के असल नागरिकों को उनका अधिकार संविधान के आधार पर दिया गया न कि धार्मिक आधार पर. विपक्ष में बैठे हमारे साथियों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन उन्हें लोगों का फायदा देखकर ही कोई बात रखनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि हम यह अवैध घुसपैठियों के लिए ला रहे हैं किसी भारतीय नागरिक के लिए नहीं. यह कैसे लागू होगा, इसकी एक प्रक्रिया है, मानता हूं कि यह आसान नहीं होगा इसे हमें फेस करना होगा. एनआरसी और सिटिजनशिप अमेंडमिंट बिल दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं. एनआरसी भी देश में जरूरी है ताकि देश में अवैध घुसपैठियों की पहचान हो सके. उसका नागरिकता से कोई मतलब नहीं है.
चंद्र बोस ने आगे कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हुए इसलिए हमने उन्हें शरण दी. अधिकतर मामलों में हमने यह महसूस किया है कि भारत में वो लोग व्यापार के लिए आते हैं, वो आतंकवाद के लिए आते हैं. इसलिए यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा है. इसलिए हमें इस पर बहुत स्पष्ट रहने की जरूरत है. यह बहुत जल्दी होगा सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर यह कहना कि यह धर्म के आधार पर है. मुझे लगता है कि यह गलत तरीके से उठाया गया और विपक्ष द्वारा गलत तरीके से फैलाया गया है. यह संसद में चर्चा के बाद तय होगा, वहां चर्चा होने दीजिए. देखते हैं लोकसभा और राज्यसभा में क्या होता है.
जब बोस से यह पूछा गया कि बांग्लादेश से अगर कोई मुस्लिम आता है तो वह अवैध घुसपैठिया माना जा रहा है और अगर कोई हिंदू आ रहा है तो आप उसे शरणार्थी मान रहे यह दोहरा रवैया कैसे, अवैध हिंदू का स्वागत कैसे हो सकता है. बोस ने जवाब देते हुए कहा कि किसी अवैध घुसपैठिए का स्वागत नहीं किया जा रहा है. हमें बिल को बहुत ध्यान से पढ़ने की जरूरत है. बिल में साफ-साफ लिखा है. यह किसी भी तरह धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है. यह सीधे-सीधे आपकी नागरिकता का मामला है.
बीजेपी नेता चंद्र बोस ने आगे चर्चा के दौरान कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है. हम पूरे विश्व के देशों के उन लोगों का स्वागत नहीं कर सकते जिन पर उनके खुद के देश में प्रताड़ना हुई हो. हम उनकी मदद करना चाहते हैं जो लोग उन तीन देशों में प्रताड़ित किए गए. बोस ने आगे कहा कि यह सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अंतिम नहीं है. इस पर चर्चा हो रही है, इसमें अमेंडमेंट किए जाएंगे.