
देश में विचारों का सबसे बड़ा मंच पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सजा है. अलगे दो दिनों (नवंबर 24-25) तक इस मंच पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मोदी सरकार के बड़े मंत्री, अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता, प्रमुख अर्थशास्त्री के साथ-साथ फिल्म और खेल जगत से कई जानी मानी हस्थियां शिरकत करेंगी.
इससे पहले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव दक्षिण भारत में आयोजित हुआ था. इस बार इस मंच को देश के पूर्व में सजाया गया है. इंडिया टुडे समूह की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि समूह विचारों के लोकतांत्रिक आदान-प्रदान का पक्षधर है. इस मंच से अगले दो दिनों तक पूर्वी राज्यों की समस्याओं और उपलब्धियों पर जानी-मानी हस्तियां खुलकर अपना विचार रखेंगे. वहीं केन्द्र और राज्य सरकार के प्रमुख मंत्री कई ज्वलंत सवालों पर अपना मत रखेंगे.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 कोलकाता के दि ग्रैंड ओबरॉय होटल में आयोजित किया गया है. दो दिनों तक ममता बनर्जी, सरबानंद सोनोवाल, सौरव गांगुली, रानी मुखर्जी, प्रोसंजीत चैटर्जी समेत कई हस्तियां इस मंच पर शिरकत करेंगे.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017: दि राइजिंग ईस्ट
तेरहवां सत्र: बिहार- ए न्यू ग्रोथ स्टोरी
इस अहम सत्र में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राहुल कंवल ने किया. राहुल कंवल के सवाल कि आखिर क्यों बिहार लगातार बिमारू स्टेट बना हुआ है? इस सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने कहा कि 1960 और 1970 के दशक तक बिहार बिमारू राज्य नहीं था लेकिन यह 70 के दशक के बाद बिहार में समस्याएं शुरू हुईं.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में पिछड़ेपन का इतिहास है. इतिहास में बिहार ग्रेटर बंगाल का हिस्सा था. इस वक्त भी बिहार विकसित हो रहे राज्यों की लिस्ट में आगे था. लेकिन इसके बाद बिहार में कुशाषन ने घर किया और राज्य पूरी तर पिछड़ गया. सुशील मोदी के मुताबिक 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद बिहार में एक बार फिर सुधार की शुरुआत हुई.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के पिछड़ेपन के लिए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस और आरजेडी की लालू प्रसाद यादव की सरकार जिम्मेदार है. मोदी के मुताबिक इन दोनों ने ही बिहार को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
बारहवां सत्र: साइंटिफिक स्पिरिट: लेसन्स फ्रॉम दि ईस्टइस सत्र में प्रमुख वैज्ञानिक अनुराधा लोहिया, फिजिकल रीसर्च लैब के पूर्व डायरेक्टर जीतेन्द्र नाथ गोस्वामी, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स के सीनियर प्रोफेसर सुकल्याण चट्टोपाध्याय और बिरला प्लेनेटोरियम के डायरेक्टर डीपी दुआरी ने शिरकत की.
अनुराधा ने कहा कि देश में साइंस का बड़ा पोटेंशियल है. पहले साइंटिफिक रीसर्च को फंड की दिक्कतें थीं लेकिन अब सरकार के पास पर्याप्त पैसा है और आने वाले दिनों में देश का साइंटिफिक पोटेंशियल पूरी तरह निखर कर सामने आएगा.
प्रोफेसर सुकल्याण चट्टोपाध्याय ने कहा कि साइंस के प्रति हमें बच्चों के साथ-साथ आम आदमी को भी सजग कनरे की जरूरत है जिससे समाज से साइंस के साथ पनप रहे अंधविश्वास को खत्म करने में मदद मिले. वहीं सत्र के दौरान डीपी दुआरी ने कहा कि साइंटिफिक टेंपर विकसित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
ग्यारहवां सत्र: कनेक्टिंग नॉर्थईस्ट: फ्रॉम नोवेयर लैंड टू सेंटर ऑफ साउथ ईस्ट
इस सत्र में डोनर से सेक्रेटरी नवीन कुमार, डिफेंस एनालिस्ट सुबीमल भट्टाचार्या, बीजेपी जनरल सेक्रेटरी अरुणाचल जरपुम गामलिन और कारोबारी श्यामाकानू महंता ने शिरकत की. इस सत्र के दौरान नॉर्थईस्ट राज्यों में निवेश पर सुधरते सुरक्षा माहौल पर अहम चर्चा की गई.
अरुणाचल से बीजेपी नेता गामलिन ने कहा कि बीते तीन साल से केन्द्र सरकार का नॉर्थईस्ट के प्रति रुख बदलने से वहां तेज बदलाव हो रहा है. रोड, पुल और रेलवे का काम पूरा होने के करीब पहुंच चुका है. वहीं नॉर्थईस्ट को एयर कनेक्टिविटी का काम भी चल रहा है लेकिन इसे पूरा करने में अभी और वक्त लगेगा. इन सभी के कारण अब इन राज्यों में लोग अब खुद को सशक्त होता महसूस कर रहे हैं.
इस सत्र के दौरान कारोबारी श्यामकानू महंता ने कहा कि बीते कुछ दिनों में चीन की वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट से भारत सरकार का रुख नॉर्थईस्ट के प्रति बदला है. मोदी सरकार ने अब पूर्वी कोने के इन राज्यों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की शुरुआत की है.
दसवां सत्र: हाउ टू बि गुड नेबर्स: व्हूज रिफ्यूजी आर दे एनीवे?
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के अहम सत्र में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राहुल कंवल ने किया. इस सत्र के दौरान संबित पात्रा और सुष्मिता देव ने रिफ्यूजी समस्या और भारत की पड़ोसी देशों के प्रति जिम्मेदारी पर अहम चर्चा की.
सत्र के दौरान संबित पात्रा ने रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर कहा कि इस विवाद के 4 अहम पक्ष है- लीगल, सिक्योरिटी, स्ट्रैटेजिक और ह्यूमैनिटैरियन. वहीं कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीते तीन साल के दौरान देश में बीजेपी सरकार ने गैरकानूनी माइग्रेशन को सिर्फ कानूनी माइग्रेशन बनाने का काम किया है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि केन्द्र सरकार जिस सिटिजनशिप बिल को पास कराने जा रही है यदि वह एक्ट बन भी जाता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट नकार देगा. लेकिन संबित पात्रा ने कहा कि वह सरकार व्यर्थ की सरकार है जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के विषय में नहीं सोचती. रोहिंग्या मुद्दे पर संबित ने कहा कि भारत की सरहद पार करने वाले रोहिंग्या रिफ्यूजी नहीं बल्कि गैरकानूनी माइग्रेंट थे और उनके तार ग्लोबल आतंकियों से जुड़े होने की चेतावनी सुरक्षा एजेंसियों ने दी थी. लिहाजा हमें गैरकानूनी माइग्रेंट और रिफ्यूजी में कंफ्यूजन नहीं रखना चाहिए.
नौवां सत्र: वर्किंग इन टू वर्ल्ड: लोकल स्टोरीज, ग्लोबल स्क्रीन्स
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के अहम सत्र वर्किंग इन टू वर्ल्ड: लोकल स्टोरीज, ग्लोबल स्क्रीन्स में बंगाली एक्ट्रेस पाओली दाम ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन मनोज्ञा ने किया. इस सत्र में कोलकाता से मुंबई आने के सवाल पर - पाओली डेम ने कहा कि उन्हें सिनेमा का हिस्सा बनकर खुशी है. मैं जब मुंबई गई मुझे काफी सम्मान मिला. मुझे प्रिंसेस की तरह ट्रीट किया गया. शूट के दौरान भी मुझे काफी सम्मान मिला. कोलकाता से ज्यादा मुंबई में मेरे दोस्त है.
पाओली ने कहा- मुम्बइया सिनेमा का विस्तार बड़ा है. साउथ की तरह. इनके मुकाबले बंगाल का मार्केट छोटा है. छोटी जगह में लोगों को फिल्म के बारे इमं बताना, यानी मार्केटिंग और प्रमोशन में आसानी होती है. लोग आकर सिनेमा भी देख लेते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन लोगों को आकर्षित करने के लिए च्वाइस ऑफ़ कंटेंट का होना भी बहुत जरूरी है.
आठवां सत्र: व्हाट मी, चिंकी? बैटलिंग रेसिज्म विद अ स्माइल
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के अहम सत्र में एक्टर आदिल हुसैन, सिंगर मियांग चांग और लेखक मित्रा फूकन ने शिरकत की. चिंकी और नस्लवाद का सामना करने के सवाल पर सिंगर मियांग चांग ने कहा- मेरे चेहरे की वजह से लोग मुझसे पूछते हैं कि तुम कहां से हो? उन्होंने कहा, रेसिज्म से निपटने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि उसका जवाब मुस्कान से दिया जाए. कहा- भारत के दूसरे राज्यों की तुलना में पूर्वोत्तर के लोगों की स्वीकार्यता कम है. लेकिन अब तक बहुत बदलाव हुए हैं.
असम के निचले इलाके से आने वाले एक्टर आदिल ने कहा- मेरे साथ ऐसी बातें नहीं हुईं. दरअसल, मेरा चेहरा भारत के दूसरे इलाकों में रहने वाले लोगों के जैसा ही है. इस लिहाज से मैं काफी भाग्यशाली हूं. आदिल ने बताया कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में मिलने वाले लोगों ने मुझसे अपनी भाषा में बातें की. क्योंकि दिखने में मैं उनके जैसे था. स्टीरियोटाइप पर आदिल ने कहा- भारतीय दर्शकों ने भिन्नता स्वीकार कर ली है. हालांकि एक डार्क एक्टर को अक्सर निगेटिव किरदार ही मिलते हैं.
राइटर मित्र फुकन ने कि दूसरे राज्यों की तुलना में पूर्वोत्तर थोड़ा अलग है. और अलगाव की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा, नॉर्थ ईस्ट के कई इलाके वर्षों तक एक-दूसरे से अलग रहे. नॉर्थ ईस्ट को अच्छे प्रशासन और इन्फ्रास्ट्रक्चर की बहुत जरूरत है. आदिल की तरह बताया कि उन्हें नस्लवाद का सामना ऐसा नहीं करना पड़ा जैसा पूर्वोत्तर के लोगों को फेस करना पड़ता है. इसकी वजह यह है कि वो दिखने में आम भारतीय की तरह ही हैं.
सातवां सत्र: मेड इन इंडिया: रेडी पॉर दि वर्ल्ड
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के अहम सत्र मेड इन इंडिया: रेडी पॉर दि वर्ल्ड में आरपी संजीव गोएनका समूह के चेयरमैन संजीव गोएनका और आईटीसी के सीईओ संजीव पुरी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया.
इस सत्र में संजीव पुरी ने कहा कि देश में कारोबार करना वाकई सुधरा है. पुरी ने कहा कि जहां पहले ज्यादातर प्रोजेक्ट्स अटक जाया करते थे अब प्रोजेक्ट्स तय समय में पूरे किए जा रहे हैं. संजीव के मुताबिक राज्य और केन्द्र के स्तर पर नेतृत्व का रुख अब कारोबार के पक्ष में हैं.
राहुल कंवल ने पूछा कि क्या इंडस्ट्री किसी खुले मंच से सरकार की आलोचना करने में डर रही है जबकि मंच से इतर लोग मौजूदा सरकार की खामियां आसानी से गिना रही है. इस सवाल के जवाब में संजीव गोएनका ने कहा कि मौजूदा समय में कारोबारियों को केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ काम करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
वहीं मेक इन इंडिया फिलहाल क्यों नहीं सफल हो रहा है के सवाल पर संजीव पुरी ने कहा कि देश में मौकों की कमी नहीं है. लेकिन इस कार्यक्रम को सफल करने के लिए बड़े निवेश की जरूरत है. वहीं देश बड़े निवेश की दिशा में बढ़ रहा है. हाल में हुए आर्थिक सुधार से स्थिति तेजी से बदल रही है और आने वाले दिनों में यह कार्यक्रम भी सफल हो जाएगा. वहीं संजीव गोएनका ने कहा कि किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए लैंड अभी समस्या है. इसके लिए अभी भी सरकार को पहल करना पड़ता है. इसे बदलने की जरूरत है.
छठवां सत्र: दि माइनॉरिटी रिपोर्ट: नो लॉन्गर मार्जिनल?
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के इस सत्र में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेस से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई और नैशनल कमीशन फॉर शिड्यूल्ड ट्राइब के सेक्रेटरी राघव चंद्रा ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया.
राहुल कंवल ने मुख्तार अब्बास नकवी से सवाल पूछा कि आखिर क्यों वह विपक्ष पर माइनॉरिटी अपीजमेंट का आरोप लगाते हैं. नकवी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश में सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए कारगर कदम उठाए हैं. वहीं क्या मोदी सरकार ने माइनॉरिटी को पिछे छोड़ दिया है पर बोलते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि बीजेपी के लिए न तो माइनॉरिटी मायने रखता है और न ही मैजॉरिटी. गोगोई के मुताबिक हमें अपीजमेंट से ज्यादा विकास की बात करने की जरूरत है. वहीं मुख्तार अब्बास ने कहा कि बीजेपी सरकार का मानना है कि देश के लिए बिना अपीजमेंट किए सशक्तिकरण को जोर देना जरूरी है.
पांचवा सत्र: फ्रॉम बबली टू हिचकी: अ करियर इन सिनेमा
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के अहम सत्र में फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया. इस सत्र के दौरान रानी ने कहा कि भले उनका पालन-पोषण मुंबई में हुआ है लेकिन बंगाल उनके रोम-रोम में है. फिल्म पद्मावति पर उठे विवाद पर रानी ने कहा कि
रानी मुखर्जी ने कहा कि उन्हें फिल्मों में कोई रुचि नहीं थी क्योंकि उन्हें लगता था कि वह एक्टिंग नहीं कर सकती थी. रानी के मुताबिक उनकी मां ने उनमें भरोसा जगाया कि वह इस क्षेत्र में अच्छा कर सकती हैं. वहीं फिल्मों में परिवार से मिलने वाले फायदे पर रानी ने कहा कि यह कतई जरूरी नहीं कि फिल्मों में सफलता मजह इसलिए मिल जाए कि आप किसी बड़े कलाकार या डायरेक्टर के बच्चे हैं. इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए खुद मेहनत करनी पड़ती है. लिहाजा, परिवार से मदद मिलने की डीबेट का कोई आधार नहीं है.
चौथा सत्र: राइजिंग फ्रॉम दि ईस्ट: ऐन एलायंस फॉर इंडिया
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के इस अहम सत्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत की. इस सत्र की शुरुआत करते हुए इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने ममता बनर्जी का स्वागत किया. इस सत्र के शुरुआत में इंडिया टुडे मैगजीन के आर्काइव में ममता बनर्जी की 5000 तस्वीरों से तैयार की गई पिक्चर गैलरी का प्रदर्शन किया गया. ममता बनर्जी के साथ इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने किया.
ममता बनर्जी ने कहा कि देश में किसी तरह का कोऑपरेटिव फेडरलिज्म नहीं है. ममता ने कहा कि देश में एक तरह की सुपर इमरजेंसी चल रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि हाल में जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत दौरे पर थी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वह भी मुलाकात में मौजूद थीं. ममता के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान बांग्लादेश की पीएम उनसे बात कर रहीं थी लेकिन खुद प्रधानमंत्री मोदी उन्हें मुलाकात के दौरान इग्नोर कर रहे थे. हालांकि ममता ने कहा कि उनका नरेन्द्र मोदी के साथ कोई निजी मतभेद नहीं है.
तीसरा सत्र: एट वर्क: न्यू मीडियम, न्यू एक्सप्रेशन
इस सत्र के दौरान प्रोसनजीत ने कहा कि बदलते समय के साथ खिलाड़ियों को भी सोशल मीडिया के दौर में अपनी रफ्तार तेज करने की जरूरत है. प्रोसनजीत के मुताबिक पहले एक स्क्रीन के लिए हम काम करते थे. लेकिन आज के दौर में स्क्रीन एक-एक हाथ में पहुंच चुका है. लिहाजा, इस सच्चाई को कलाकारों को भी समझना चाहिए और इस नए मीडियम में खुद को फिट रखने की जरूरत है.
वहीं कैरेक्टर रोल पर प्रोसनजीत ने कहा कि ऐसे रोल में हम कुछ जादू करने की कोशिश करते हैं. इस सत्र के अंत में प्रोसनजीत ने डोना गांगुली को वापस मंच पर बुलाकर डांस परफॉर्मेंस दी.
दूसरा सत्र: ऑल इन दि फैमिली: कीपिंग इट टुगैदर
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के दूसरे सत्र में पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली और उनकी पत्नी डोना गांगुली ने शिरकत की. इस सत्र के दौरान जहां सौरव ने अपनी क्रिकेट लाइफ का जिक्र किया वहीं दोनों ने अपनी जिंदगी के कुछ राज शेयर किए. डोना गांगुली ने कहा कि उन्हें सौरव का बचपन बेहद अच्छा लगता था साथ ही बताया कि किस तरह सौरव आज भी घर के एक-एक पहलू का खास ध्यान रखते हैं. सत्र में चर्चा के दौरान सौरव ने कहा कि क्रिकेट दरअसल कैप्टन का गेम है. इस खेल में कैप्टन की भूमिका जीत और हार के लिए सबसे अहम है.
सत्र में चर्चा के दौरान डौना ने कहा कि पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच ग्रेग चैपल के साथ सौरव का विवाद उनके लिए एक मुश्किल दौर था. लेकिन घर के साथ सभी दोस्तों का भरोसा था कि सौरव इस बुरे दौर से भी जीतकर बाहर निकलेंगे. सौरव गांगुली ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि क्रिकेट में अच्छा खेलने से अपका सेलेक्शन पक्का हो जाए.
सौरव के मुताबिक क्रिकेट एक टीमवर्क है और यहां महज किसी एक खिलाड़ी का अच्छा खेलना उसके सेलेक्शन की गारंटी नहीं देता क्योंकि टीम में जगह के लिए कई अच्छे टैलेंट भी लगातार अच्छा खेल रहे हैं. यह बात सौरव ने अपने करियर के दौरान विवादों के चलते रिटायरमेंट की घोषणा को केन्द्र में रखते हुए कहा.
पहला सत्र: म्यूजिक डिवाइन: डान्सिंग टू अ न्यू ट्यून
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के पहले सत्र म्यूजिक डिवाइन: डान्सिंग टू अ न्यू ट्यून में संगीतकार सुनीता भुयन, नर्तकी संचिता भट्टाचार्या और संगीतकार बिक्रम घोष ने शिरकत की. इस सत्र की शुरुआत में बिक्रम घोष ने बॉडी ड्रमिंग परफॉर्मेंस से समां बांधा. संचिता भट्टाचार्या ने कहा कि डांस के जरिए आत्मा से संवाद स्थापित होता है. वहीं सुनीता भुयन ने बताया कि म्यूजिक इंडियन हो या वेस्टर्न या फिर रॉक और जैज सभी सात सुरों पर आधारित हैं.
कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 के मंच से पहली बार वॉयलिनिस्ट सुनीता भुयन और म्यूजीशियन बिक्रम घोष ने पहली बार ज्वाइंट परफॉर्मेंस की. दोनों की जुगलबंदी के बीच धुनों पर डांसर संचिता ने भी अपने नृत्य से लोगों का मन मोह लिया.
पूर्वी भारत के नेतृत्व के लिए पश्चिम बंगाल तैयार: अरुण पुरी
इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 का शुभारम्भ करते हुए कहा कि देश के 12 पूर्वी राज्य शिक्षा और सभ्यता का प्रमुख केन्द्र होने के साथ-साथ देश की जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान करती है. देश में चल रहे लगभग 8,000 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में कुल 23 फीसदी इन राज्यों में चल रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तर-पूर्वी सेवेन सिस्टर्स शामिल हैं.
उत्तर-पूर्व में 8 राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा तेज गति से विकास कर रहे हैं. अरुण पुरी ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से को विकसित होना है तो इसके लिए पश्चिम बंगाल को उभरना बेहद जरूरी है. अरुण पुरी ने बाताया कि पश्चिम बंगाल इस क्षेत्र का नेतृत्व करने के लिए पूरा तरह तैयार है.