
तमाम बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, मराठी और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं पूर्व एक्ट्रेस-राजनेता मुनमुन सेन ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में शिरकत की. यहां बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने जब कनेक्टिविटी से पहले उनके लिए उनका स्टारडम काम कर जाता था.
मुनमुन से पूछा गया कि आपके पोस्टर्स वेस्ट बंगाल के तकरीबन हर छोटे-बड़े गांव में मिल जाते हैं, जब आप लोगों से मिलती हैं तो क्या पहले स्टारडम काम करता है या आपकी कनेक्टिविटी? मुनमुन ने कहा, "मैं बहुत ईमानदारी से जवाब दूंगी कि पहले स्टारडम काम करता है और बाद में कनेक्टिविटी." बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मूनमून ने सीपीएम के कद्दावर नेता और 9 बार सांसद रहे वासुदेव आचार्य को बाकुड़ा लोकसभा सीट पर पटखनी दी थी.
मुनमुन ने जब पूछा गया कि एक राजसी परिवार से होने पर कैसा महसूस होता है? उनका जवाब था, "यह सिर्फ मेरी मां के बारे में नहीं है. यह सुनीति देवी के बारे में है (केशव चंद्र सेन की बेटी). इसके अलावा यह महारानी गायत्री देवी के बारे में है और भी तमाम महिलाओं के बारे में है जो अपने बचपन से राजसी माहौल को जीती रही हैं." मुनमुन ने "फिल्म फैमिली फेम : टू जेनरेशन ऑफ़ स्टारडम" सेशन में सवालों का जवाब देते हुए ये बातें कहीं.
मुनमुन ने कहा, "आपके लिए सभी दरवाजे खुले होते हैं. आप गर्मियों के मौसम में एक मिठाई की दुकान में जाकर कहते हैं कि आपको गुड़ चाहिए और आपको गुड़ दिया जाता है. भले ही इसे उन्होंने सर्दियों के लिए बचा कर रखा हो. तो बस हर चीज तुरंत और मनमाफिक मिल जाया करती थी."