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कॉन्क्लेव साउथ 2018: मोदी और शाह हिंदू नहीं- प्रकाश राज

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया और प्रकाश राज के अलावा मंच पर फिल्म डायरेक्ट एसके शशिधरन, दलित एक्टिविस्ट कांचा इलाय्हा और एक्टर विशाल ने भी शिरकत की.

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राहुल मिश्र
  • हैदराबाद,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के अहम सत्र स्टैंड आउट स्पीक अप के मंच से बोलते हुए फिल्म एक्टर प्रकाश राज ने कहा कि वह मानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हिंदू नहीं है. अपने बयान पर तर्क देते हुए प्रकाश राज ने कहा कि जब मोदी सरकार का कोई मंत्री किसी एक धर्म का पूरी तरह से सफाया करने की बात कहता है और प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के अध्यक्ष चुप रहते हैं तो उनके हिंदू होने पर सवाल उठाने को कैसे गलत ठहराया जा सकता है.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया और प्रकाश राज के अलावा मंच पर फिल्म डायरेक्ट एसके शशिधरन, दलित एक्टिविस्ट कांचा इलाय्हा और एक्टर विशाल ने भी शिरकत की.

सत्र के दौरान राहुल कंवल ने पूछा कि आखिर दक्षिण के राज्यों में फिल्म कलाकारों में राजनीति में आने की होड़ क्यों लगी है. राहुल ने रजनीकांत और कमल हासन का उदाहरण देते हुए विशाल से पूछा कि क्या वह भी राजनीतिक सफर की शुरुआत करने की तैयारी में हैं. विशाल ने कहा कि उन्होंने पहले एक बार कोशिश की थी और एक चुनाव के लिए नामांकन भरा था लेकिन जिस तरह से उनके नॉमिनेशन को रिजेक्ट किया गया उसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वह राजनीति में आने की तैयारी में हैं. विशाल ने कहा कि जब देश में नेता एक्टिंग कर रहे हैं तो एक्टर राजनीति करने आए तो हर्ज नहीं होना चाहिए.

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विशाल ने कहा कि तमिलनाडु में होने वाले चुनाव राज्य के लिए गेमचेंजर साबित होने जा रहा है. विशाल के मुताबिक रजनीकांत और कमल हसन का कदम सही दिशा में है. इसी सवाल पर प्रकाश राज ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन समेत विशाल को एक साथ राजनीतिक सफर पर निकलने की जरूरत है क्योंकि तीनों के सामने लक्ष्य एक ही है. प्रकाश के मुताबिक तमिलनाडु में बदलाव की लहर है और ऐसे में कोई भी नेता जीत सकता है.

इसी सत्र के दौरान कांचा इलह्या ने कहा कि ट्रिपल तलाक मामला एक मुस्लिम महिला लेकर कोर्ट पहुंची और बीजेपी सरकार ने उसका समर्थन किया. लेकिन मंदिर में महिलाओं की एंट्री के मामले को जब एक हिंदू महिला लेकर कोर्ट जाती है तो यही बीजेपी चुप रहती है. आखिर बीजेपी हिंदू महिलाओं के अधिकार पर चुप क्यों है.

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