
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के अहम सत्र में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे ग्रुप कंसल्टेंट एडिटर राजदीप सरदेसाई ने किया. इस सत्र की शुरुआत करते हुए राजदीप ने पूछा कि क्या तेलंगाना राज्य बनाना गलती थी या फिर एक सही फैसला?
चन्द्रेशेखर राव ने कहा कि सात लंबे दशकों से राज्य की जनता अपना राज्य बनाने की मुहिम में थे. इन्हीं के दिखाए सपने पर चलते हुए उन्होंने 2001 में तेलंगाना राज्य की स्थापना के लिए आंदोलन शुरू किया. 2014 में हमारी कोशिशें सफल हुई और एक नए राज्य की स्थापना हुई. आज महज दो-तीन साल के अंदर तेलंगाना आर्थिक विकास के नाम पर देश का प्रमुख राज्य बना चुका जिससे यह साबित होता है कि तेलंगाना को अलग राज्य बनाना कितना उचित फैसला था.
हालांकि इस जवाब में राजदीप ने पूछा कि क्या तेलंगाना बनाने के आंदोलन में उन्होंने तेलुगु पहचान को दो भाग में बांट दिया है. चन्द्रशेकर ने कहा कि आंध्र प्रदेश के साथ मर्जर के वक्त भी दोनों क्षेत्रों को मिलाए जाने का विरोध किया गया था. लेकिन अब तेलंगाना की सफलता से यह भी साफ हो जाता है कि मर्जर का फैसला कितना गलत था.