
चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजने के राहुल गांधी के सवाल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाब दिया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ कहा कि भारतीय सेना के जवान हथियार लेकर ही सीमा पर ड्यूटी करते हैं और 15 जून को भी सैनिक हथियार लेकर गए थे.
उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'आइए हम फैक्ट को स्पष्ट करते हैं. सीमा पर ड्यूटी के दौरान सभी सैनिक हमेशा हथियार लेकर जाते हैं, खासकर जब चौकियों से निकलते हैं. 15 जून को गलवान घाटी में भी भारतीय सैनिकों ने ऐसा ही किया. हालांकि लंबे समय से चली आ रही प्रथा (1996 और 2005 के समझौतों) के चलते भारत-चीन सीमा पर झड़प के दौरान हथियार का इस्तेमाल नहीं करते हैं.'
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प को लेकर केंद्र सरकार से लगातार सवाल कर रहे हैं. गुरुवार को राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार से सवाल किया कि चीन की ये कैसी हिम्मत कि उसने हमारे निहत्थे जवानों को मार दिया? हमारे सैनिकों को निहत्था शहीद होने के लिए क्यों भेज दिया गया था?
आपको बता दें कि 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इन जवानों की शहादत पर देश में गुस्सा है. हर कोई चीन को कड़ा जवाब देने की मांग कर रहा है.
दूसरी ओर राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं और चीन बॉर्डर पर स्थिति साफ करने की मांग कर रहे हैं. राहुल गांधी ने बुधवार को भी वीडियो जारी कर रहा था कि पीएम मोदी को छुपना नहीं चाहिए और देश के सामने आकर सच्चाई बतानी चाहिए. पूरा देश उनके साथ है.
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वहीं, सूत्रों का कहना है कि सीमा पर हिंसक झड़प में चीन को भारी नुकसान हुआ है. इसमें चीन के करीब 40 सैनिक मारे गए हैं. हालांकि चीन ने अपने सैनिकों को लेकर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया.
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