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भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इंग्लैंड में अपने प्रदर्शन से उत्साहित हैं. शमी ने कहा है कि उन्होंने विरोधी तेज गेंदबाजों स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के वीडियो देखकर समझा है कि इंग्लैंड के हालात का फायदा कैसे उठाया जाए.
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दक्षिण अफ्रीका में प्रदर्शन में निरंतरता की कमी और फिर निजी समस्याओं से उबरते हुए शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में प्रभावी गेंदबाजी करते हुए 5 टेस्ट में 16 विकेट चटकाए.
शमी ने कहा, ‘अगर आप इस दौरे पर मेरे प्रदर्शन की तुलना 2014 के दौरे से करते हो, तो मेरे अंदर काफी सुधार हुआ है. कुल मिलाकर हम सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया. मैंने काफी कुछ सीखा है, विशेषकर यह कि घर से बाहर गेंदबाजी कैसे करनी है, आपकी एकाग्रता कैसी होनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने काफी कुछ सीखा है. जब मैं 2014 में यहां आया था, तो मैं इतना अनुभवी नहीं था. मैं परिपक्व भी नहीं था. इस बार मैंने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के गेंदबाजी करते हुए वीडियो देखे. मैंने देखा कि इन हालात में वे किन स्थानों पर गेंदबाजी करते हैं. मुझे काफी सीखने को मिला.’
इस तेज गेंदबाज ने पांचवें और अंतिम टेस्ट की दोनों पारियों में शानदार गेंदबाजी की, लेकिन सफलता उनसे दूर रही. शमी पहली पारी में 72 रन देकर एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 110 रन देकर दो विकेट चटकाए. इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए 464 रनों का लक्ष्य दिया.
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शमी ने कहा, ‘कुछ चीजें भाग्य पर भी निर्भर करती हैं. जब आप गेंदबाजी करते हो, तो आपका लक्ष्य अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करना होता है. आपको विकेट मिलता है या नहीं यह भाग्य पर निर्भर करता है. बेशक यह हताशा भरा है कि कई बार बल्लेबाज को छकाने के बावजूद विकेट नहीं मिला, लेकिन कोई बात नहीं. अल्लाह मुझे जो कुछ भी देगा, मुझे वह स्वीकार है.’
भारतीय टीम को चौथे दिन ईशांत शर्मा के बिना गेंदबाजी करनी पड़ी, जो सिर्फ एक ओवर फेंकने के बाद टखने में चोट के कारण मैदान से बाहर चले गए. इससे शमी और साथी गेंदबाजों पर अतिरिक्त भारत आ गया.
उन्होंने कहा, ‘आपके पास एक गेंदबाज कम हो, तो स्थिति मुश्किल हो जाती है, विशेषकर इन हालात में जब तेज गेंदबाज के रूप में आपको गेंदबाजी करनी होती है. भार अधिक होता है. लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसा होता है.’