
न्यूजीलैंड के ‘सबसे काले दिनों में से एक’ को कुछ ही दिनों में पूरा एक साल हो जाएगा और लोगों के ‘मजबूत’ बने रहने के जज्बे के बावजूद देश के दूसरे सबसे अधिक जनसंख्या वाले शहर पर इसके घाव अब भी ताजा हैं. पिछले साल क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुआ हमला अब भी लोगों के मन में डर पैदा करता है. भारत और न्यूजीलैड के बीच शनिवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के स्थल हेगले पार्क के सामने यह मस्जिद स्थित है.
पिछले साल 15 मार्च को ब्रेनटन टैरेंट नाम के शख्स ने अल नूर मस्जिद पर गोलियां बरसा दी थीं, जिससे शुक्रवार की नमाज के लिए जुटे 51 लोगों की मौत हो गई थी. न्यूजीलैंड उस समय बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज खेल रहा था और मेहमान टीम के खिलाड़ी बाल-बाल बचे थे, क्योंकि वे हमले से कुछ मिनट पहले ही मस्जिद से निकले थे.
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इस घटना के लगभग एक साल बाद मस्जिद के रास्ते में लिखे शब्द ‘किया काहा’ सभी का ध्यान खींचते हैं. मस्जिद में नियमित रूप से आने वाले अब्दुल राउफ ने माओरी भाषा के इन शब्दों का अनुवाद करते हुए कहा, ‘इसका मतलब है मजबूत रहो. सभी मजहब और धर्म के लोगों ने उस दिन जान गंवाने वालों के लिए संदेश लिखे हैं.’
मस्जिद में आने वाले बरकत सबी ने उस हमले में जाने गंवाने वाले 55 साल के अपने छोटे भाई मतीउल्लाह के संदर्भ में कहा, ‘किसने सोचा था कि ऐसा कुछ हो जाएगा. मेरा भाई शुक्रवार की नमाज के लिए आया था और गोली लगने से मारा गया.’
बरकत ने नमाज अदा करने के मुख्य हॉल और संकरे प्रवेश द्वार जहां टैरेंट ने गोलिया बरसाईं, उसकी ओर इशारा करते हुए कहा, ‘एक महिला थी जो महिलाओं के लिए बने कमरे में नमाज के लिए मौजूद थी. जब गोलियों की आवाज सुनाई दी तो उसे बताया गया कि उसके पति को गोली लगी है और वह बाहर भागी और हमलावर ने उसे गोली मार दी.’
उन्होंने बताया, ‘उसका पति सिर्फ घायल हुआ था.’ इस घटना के एक साल बाद भी हालांकि मस्जिद में सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं हैं. राउफ ने बताया, ‘इससे असुविधा होती है. यहां भारतीय, पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी, बांग्लादेशी और सोमालिया के लोग नमाज के लिए आते हैं और सभी की तलाशी लेने में काफी समय लगता है.’
हालांकि नामाज के लिए बने एक कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और इसकी फुटेज क्राइस्टचर्च पुलिस थाने के पास जाती है जो सभी गतिविधियों पर नजर रखता है.