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मौजूदा हालात में एथलेटिक्‍स में मेडल नहीं आ सकता: पूनिया

आजतक से खास बातचीत में महिला चक्‍का फेंक खिलाड़ी कृष्‍णा पूनिया ने पर्याप्‍त कदम नहीं उठाने के लिए अधिकारियों की खिचांई की.

कृष्‍णा पूनिया कृष्‍णा पूनिया
समीप राजगुरु
  • लंदन,
  • 08 अगस्त 2012,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

लंदन ओलंपिक 2012 में महिला चक्‍का फेंक स्‍पर्धा में 7वें स्थान पर रहने वाली भारत की स्‍टार परफॉर्मर कृष्‍णा पूनिया एथलेटिक्‍स में भारत के भविष्‍य को लेकर चिंतित हैं. भारत ने आजतक ट्रैक एंड फील्‍ड इवेंट में ओलंपिक में कभी भी कोई मेडल नहीं जीता और पूनिया को अंदेशा है कि मेडल की यह उम्‍मीद निकट भविष्‍य में पूरी नहीं होने वाली है.

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आजतक से खास बातचीत में वे कहती हैं, 'ओलंपिक में एक भारतीय 7वें स्‍थान पर रही इससे ज्‍यादा आप क्‍या उम्‍मीद करते हैं?' 2010 कॉमनवेल्‍थ खेलों की इस स्‍वर्ण पदक विजेता का कहना है, 'जब तक भारत में अच्‍छी प्रतियोगिताएं नहीं होंगी, तब तक हमारे देश में मेडल जीतने वाले पैदा नहीं होंगे.'

खिलाड़ि‍यों की दयनीय हालत और परिस्थितियों की तरफ अधिकारियों की उदासीनता को लेकर भी पूनिया गुस्‍सा और निराशा व्‍यक्‍त करती हैं. वे पूछती हैं 'कॉम्‍पटीशन कहां है?', वे आगे कहती हैं, 'आपको ये तक तो पता नहीं होता है कि राष्‍ट्रीय खेल कब होंगे. उन्‍हें लगातार स्‍थगित किया जाता है. यहां तक कि भारत में कोई एक अच्‍छा ग्रां प्री आयोजन तक नहीं होता. हमें अभ्‍यास के लिए भी यूरोप और अमेरिका जाना पड़ता है और यह हमेशा संभव नहीं होता.'

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इन सारी बाधाओं के बावजूद पूनिया लंदन ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से खुश हैं. वे कहती हैं, 'मैंने पिछले दो साल में कड़ी मेहनत की है और इस दौरान घर की तरफ बमुश्किल ही ध्‍यान दे पायी हूं. मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं.'

पूनिया ने ऑस्‍ट्रलियाई खिलाड़ी डैनी सेमुअल्‍स के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता के बारे में भी बात की. सेमुअल्‍स ने 2010 कॉमनवेल्‍थ गेम्स में पूनिया के गोल्‍ड मेडल जीतने के बाद उनसे आमने-सामने प्रतियोगिता की बात कही थी.

हालांकि दोनों के बीच आमने-सामने की यह प्रतियोगिता कभी नहीं हुई. पूनिया ने कहा कि वह सब लंदन में खत्‍म हो गया. 'सेमुअल्‍स ने यहां बहुत खराब प्रदर्शन किया और वह काफी नीचे रहीं. मैं उनके पास गई, उन्‍हें गले लगाया और ढांढ़स बधाया. वह युवा हैं और अब मेरी दोस्‍त भी हैं. हमारी दुश्‍मनी अब अतीत की बात है.'

आगे की बात करें तो पूनिया के प्रशंसक उनसे रियो डी जनेरियो में होने वाले अगले ओलंपिक में 7वें स्‍थान से अच्‍छा प्रदर्शन करने की उम्‍मीद लगाए हुए हैं. हालांकि 35 साल की पूनिया भविष्‍य के बारे में अभी सुनि‍श्चित नहीं हैं.

पूनिया कहती हैं, 'मेरे बच्‍चे अब बड़े हो रहे हैं और मैं बार-बार विदेश नहीं जा सकती. उन्‍हें भी मेरी जरूरत है. वे मेरी प्राथमिकता हैं. शायद यह पूनिया का इशारा है कि वे अपना आखिरी ओलंपिक खेल चुकी हैं.

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