
भारत के पैरा-एथलीट गिरीश होशांगारा नागाराजेगौडा ने लंदन पैरालम्पिक
में भारत को पहला पदक दिलाया है. गिरीश पुरुषों की ऊंची कूद (एफ42) स्पर्धा
में दूसरे स्थान पर रहे.
कर्नाटक के 24 साल के गिरीश, जिनका एक पैर खराब है, ने 1.74 मीटर की छलांग लगाई. उन्होंने फाइनल में सीजर्स तकनीक का उपयोग किया और देश को 80,000 दर्शकों के सामने पहला पदक दिलाया.
इस स्पर्धा का स्वर्ण फिजी के इलेशा डेलाना ने 1.74 मीटर के साथ जीता. पोलैंड के लुकास मामक्राज को कांस्य मिला. डेलाना को गिरीश से कम प्रयास में 1.74 मीटर दूरी नापने के कारण स्वर्ण पदक मिला.
गिरीश पैरालम्पिक में पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं. इससे पहले भाला फेंक में भीमराव केसकर और गोला फेंक में जोगिंदर सिंह बेदी पदक जीत चुके हैं. दोनों ने 1984 पैरालम्पिक में रजत जीता था.