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100 से अधिक लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में भारतीय वायुसेना

वायुसेना इस प्लान पर काम कर रहा है, इसके तहत वह एक्सपो में बोली लड़ाकू विमानों की बोली लगाएगा. इस बोली में अमेरिका, स्वीडन, फ्रांस और यूरोप जैसे देश शामिल हैं. सरकारी सूत्रों की मानें तो एक्सपो में ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

लड़ाकू विमान की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना जल्द ही 100 से अधिक विमान खरीद सकती है. ये खरीद कुछ ही दिनों में पूरी हो सकती है. बताया जा रहा है कि इनकी कीमत करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक है. 11 अप्रैल से चेन्नई में शुरू हो रहे डिफेंस एक्सपो में ये खरीद हो सकती है.

वायुसेना इस प्लान पर काम कर रहा है, इसके तहत वह एक्सपो में लड़ाकू विमानों की बोली लगाएगा. इस बोली में अमेरिका, स्वीडन, फ्रांस और यूरोप जैसे देश शामिल हो सकते हैं. सरकारी सूत्रों की मानें तो एक्सपो में ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है.

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इन 100 लड़ाकू विमानों का मकसद भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाना है. इसके साथ ही मेक इन इंडिया की शक्ति को भी बल देना है. वायुसेना की तरफ से सरकार को इस बात की जानकारी दे दी है. वायुसेना ने कहा है कि सरकार विदेशी कंपनियों से कहे कि वह जल्द से जल्द भारत में विमानों के निर्माण पर काम शुरू करें.

सूत्रों की मानें इससे पहले एयरफोर्स ने MiG-21, MiG-27 को बदलने का निर्णय किया था, जो अगले चार से पांच साल में रिटायर होने वाले हैं. इस प्रक्रिया में अमेरिका, स्वीडन, रूस जैसे देश शामिल हो सकते हैं. बता दें कि एयरफोर्स की ओर से दो फ्रंट पर लड़ाई को लेकर तैयारी की जा रही है.

2019 की शुरुआत से ही वायुसेना को दो स्क्वाड्रॉन मिलने शुरू हो जाएंगे. संसद में सरकार के जवाब के अनुसार, भारतीय वायुसेना 2020 तक 32 लड़ाकू स्क्वाड्रॉन और 39 हेलिकॉप्टर की यूनिट मिल जाएंगी. गौरतलब है कि 10 स्क्वाड्रॉन जिसमें MiG-21 और MiG-27 भी शामिल हैं 2024 तक रिटायर हो रहे हैं.

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