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सेना प्रमुख की दो टूक: घुसपैठियों की मददगार PAK सेना, सुधरे वरना सुधार देंगे

पीएम ने कहा, 'सेना दिवस के मौके पर मैं जवानों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं. भारत का हर नागरिक सेना पर यकीन रखता है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है.

आज 70वां सेना दिवस आज 70वां सेना दिवस
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

देश का गौरव इंडियन आर्मी आज अपना 70वां सेना दिवस मना रही है. आर्मी के साथ पूरा देश भी इस मौके पर सेना के जज्बे को सलाम कर रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को बधाई दी है. इस मौके नई दिल्ली में परेड का आयोजन भी किया गया. सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने इस दौरान परेड की सलामी ली.

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इस मौके पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना घुसपैठियों की मदद करती है. अगर हमें मजबूर किया गया तो हम और मजबूती से कार्रवाई करेंगे. पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर उल्लंघन किया जाता है. बता दें कि सोमवार को ही पाकिस्तान की ओर से उरी में घुसपैठ की कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम किया था. उरी में घुसपैठ कर रहे 6 जैश के आतंकियों को भारतीय सेना ने मार गिराया था.

राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई

राष्ट्रपति कोविंद ने सोमवार सुबह ट्वीट कर सेना को याद किया. उन्होंने लिखा, 'सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के सभी फौजी भाई-बहनों, युद्धवीरों और वर्दीधारी सैनिकों के परिवारजनों को बधाई. आप हमारे राष्ट्र के गौरव हैं और हमारी आजादी के रखवाले. हर भारतीय चैन की नींद सो सकता है, क्योंकि उसे भरोसा है कि आप चौकन्ने और सतर्क रहते हैं.'

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पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सेना दिवस पर जवानों को याद किया. पीएम ने कहा, 'सेना दिवस के मौके पर मैं जवानों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं. भारत का हर नागरिक सेना पर यकीन रखता है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने भी इस मौके पर सेना को याद किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'ये तिरंगा हवा के झोंकों से नहीं फहरता, बल्कि उन सैनिकों की आखिरी सांसों से फहरता है जिन्होंने देश पर प्राण न्यौछावर कर दिए. सेना दिवस पर उन जांबांजों को मेरा सलाम जो भारत की ढाल भी हैं और तलवार भी.'

क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?

इस दिन भारतीय सेना उस दिन को याद करती है जब भारतीय सेना पूरी तरह से आजाद हो गई और सेना की कमान पहली बार एक भारतीय को सौंप दी गई थी. आज से 70 साल पहले यह कमान कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (केएम करिअप्पा) को दी गई थी. उन्होंने कई साल भारत का नेतृत्व किया.

भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (K.M Cariappa) थे. उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया.

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