
सर्जिकल स्ट्राइक की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के लिए तीन स्पेशल डिवीजनों के गठन को मंजूरी दे दी. जिन तीन स्पेशल डिवीजनों को गठन को मंजूरी मिली है वो स्पेस, साइबर और स्पेशल फोर्सेस डिवीजन हैं. तीनों सेनाओं की यह मांग लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी थी.
यूपीए सरकार के समय में भी यह मामला उठा था लेकिन इन डिवीजनों के गठन और नई फॉर्मेशन के सभी पहलुओं पर लंबी चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंजूरी दे दी. जोधपुर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सामूहिक कमांडर कांफ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया गया.
इन तीनों एजेंसियों का नेतृत्व पहले सैन्य कमांडर रैंक के अधिकारी को दिए जाने की योजना थी. लेकिन अब सेना के मेजर जनरल और नौसेना एवं वायुसेना में उनके समकक्ष अधिकारी को फॉर्मेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के वरिष्ठ कमांडरों से कहा कि वैश्विक शक्तियां अपनी संख्या घटा रही हैं, जबकि भारतीय सेनाएं लगातार संख्या बल बढ़ाने की मांग कर रही हैं. इसके बाद ही तीन नई कमान के गठन और छोटी फॉर्मेशन बनाने का फैसला लिया गया है.
नॉनकॉन्टैक्ट की तरफ ध्यान देना होगा
हाल ही में आजतक से खास बातचीत में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना पुनर्गठन पर कहा कि आने वाले दिनों में जिस तरह की आधुनिक लड़ाई लड़ी जाएंगी उसके लिए जरूरी है कि हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें. आजकल नॉनकॉन्टैक्ट वॉर पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. इसमें साइबर वॉर फेयर, साइक्लोजिकल वॉर फेयर, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, स्पेस वॉर फेयर शामिल है.
उन्होंने आगे कहा कि हमें भी अगर एक आधुनिक फौज को तैनात करना है तो नॉनकॉन्टैक्ट की तरफ ध्यान देना होगा. हमें कुछ पुनर्गठन करना होगा. बॉर्डर से लेकर दिल्ली मुख्यालय तक इसकी आवश्यकता महसूस हो रही है.