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भारत दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है. ऐसा कहना है भारतीय सेना के एक प्रमुख अफसर का. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर सीजफायर उल्लंघन और आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए पाकिस्तान की तरफ से कदम नहीं उठाया गया तो ऐसा मुमकिन है.
उत्तरी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडर इन चार्ज (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने यह बात कही कि पाकिस्तान अगर अपनी गलती को दोहराने से बाज नहीं आया तो भारत के पास दोबारा से सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई को अंजाम देने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाएगा.
उधमपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए हमने बताया कि हम जब चाहें एलओसी पार करने में सक्षम हैं. जरूरत पड़ी तो हम उस पार जाएंगे और हमला भी करेंगे. आतंकवादियों की फंडिंग मामले में अलगाववादी नेताओं पर एनआईए की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि उस कार्रवाई के बाद घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है.
लगातार बढ़ रहे हैं सीजफायर उल्लंघन के मामले
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना की ओर से नौशेरा सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया गया था. पाकिस्तान की तरफ से अंधाधुंध फायरिंग की गई और मोर्टार दागे गए थे. इसके बाद भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया था. ऐसे में आतंकी घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन के मामलों में कमी न आने को लेकर भारत के प्रमुख सैन्य अफसर ने पड़ोसी मुल्क को चेतावनी दी है.
475 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने यह जानकारी भी दी कि 475 आतंकवादी सीमापार घुसपैठ करने की तैयारी में लगे हुए हैं. उत्तरी कश्मीर की एलओसी सीमा की ओर से 250 और जम्मू क्षेत्र के पीर पंजाल की तरफ से 225 आतंकवादी सीमा पार करने की फिराक में हैं.
सितंबर में हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
पिछले साल सितंबर में ही पीओके में इंडियन आर्मी की ओर से कम से कम सात आतंकवादी कैंपों पर किए गए सर्जिकल ऑपरेशन में 50 से अधिक आतंकी मारे गए थे. सैटेलाइट के जरिए मिली तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ था. भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को भारी नुकसान पहुंचा था.
कौन हैं देवराज अन्बू
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू के पास सेना की उत्तरी कमांड की जिम्मेदारी है. उन्होंने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा का स्थान लिया है, जो 30 नवंबर 2016 को रिटायर हो गए थे. अन्बू ने 1 दिसंबर से रणनीतिक तौर पर सबसे अहम इस कमांड का चार्ज लिया था.
सर्जिकल स्ट्राइक को बताया जरूरी
भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को अन्बू ने बेहद जरूरी बताया. सीमा पर तनावपूर्ण हालातों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पीर पंजाल के दक्षिण और उत्तर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकी कैंप और लॉन्च पैड मौजूद हैं. कार्रवाई के बावजूद उनकी संख्या में कमी नहीं आई है. ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी और जम्मू में घुसपैठ की कई कोशिशें हुई हैं, हालांकि भारतीय सेना के जवानों ने इनमें से अधिकतर को नाकाम किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने यह भी बताया कि पिछले साल सितंबर में एलओसी क्रॉस करके सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले आठ सैनिकों को उत्तरी कमांड में शौर्य चक्र और सेना मेडल से नवाजा गया. वहीं क्षेत्र में शांति कायम करने का भरोसा देते हुए जनरल ने कहा कि लेह में हालात नियंत्रण में हैं और विवाद को सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा, 'पूर्वी लद्दाख को लेकर चर्चा करने के लिए एक हॉटलाइन मौजूद है और बैठक भी हो रही है, इसलिए डोकलाम जैसे हालात नहीं होंगे।'