
पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के प्रोग्राम को लेकर शिवसेना के विरोध पर सरहद के दोनों ओर बयानबाजी तेज हो गई है. पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी नीति साफ है, पाकिस्तान में भारतीय गायकों का इस तरह विरोध नहीं होता है. हालांकि 9 अक्टूबर को होने वाला कार्यक्रम अब रद्द हो चुका है.
गुलाम अली के कार्यक्रम के विरोध पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा, 'इस तरह का विरोध पाकिस्तान में नहीं होता है. हम अपने आर्टिस्टों को सरहद के दोनों तरफ आयोजन के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हमारी नीति एकदम रचनात्मक है.'
अब्दुल बासित ने दावा किया कि जब भारत के गायक पाकिस्तान आते हैं, तो उनके कार्यक्रम का इस तरह विरोध नहीं होता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के विरोध की इजाजत किसी को नहीं मिलनी चाहिए.
हम तो प्यार के भूखे हैं: गुलाम अली
आज तक ने गुलाम अली से इस पूरे मसले पर बातचीत की. जब गुलाम अली को कार्यक्रम रद्द होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'यह अल्लाह की मर्जी थी.'
गुलाम अली ने कहा कि गीत-संगीत तो प्यार भरे माहौल में होना चाहिए, लेकिन जब हालात दूसरे हों, तो क्या किया जा सकता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द करने में जल्दबाजी की, तो उन्होंने कहा कि आयोजकों को भी माहौल देखकर फैसला करना पड़ता है.
गुलाम अली से पूछा गया कि भारत में उन्हें चाहने वालों की बड़ी तादाद है. ऐसे में क्या वे भविष्य में भारत में कार्यक्रम करना चाहेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'जहां-जहां भी हमें प्यार करने वाले हैं, हम वहां-वहां आगे जरूर जाएंगे.'
विरोध के बाद 9 अक्टूबर का शो रद्द
विरोध के बाद गायक गुलाम अली का मुंबई में 9 अक्टूबर को होने वाला
कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. शिवसेना ने पाकिस्तान की ओर से लगातार
गोलीबारी का विरोध करते हुए कॉन्सर्ट के आयोजकों को शो रद्द करने चेतावनी
दी थी.
गुलाम अली के कार्यक्रम के आयोजकों ने चेतावनी के मद्देनजर बुधवार शाम को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इसके बाद आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया.
हालांकि बीजेपी ने इस मसले पर शिवसेना के रुख का समर्थन नहीं किया. बीजेपी ने गुलाम अली को 'शांति का दूत' करार देते हुए कहा है कि ऐसा दूत किसी सीमा में बंधा नहीं होता है.
गुलाम अली का विरोध उचित नहीं: नकवी
गुलाम
अली के 9 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले कार्यक्रम के विरोध को केंद्रीय
मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे अनुचित बताया. नकवी ने कहा, ‘यह उचित
नहीं है. गुलाम अली शांति के दूत हैं. शांति के ऐसे दूत पर सीमाओं का बंधन
नहीं होना चाहिए. जो लोग शांति का संदेश देते हैं, उनके लिए सीमाएं तय नहीं
करनी चाहिए.’
कार्यक्रम के वक्त विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
शिवसेना
ने धमकी दी थी कि गायक गुलाम अली के कार्यक्रम के समय वह विरोध प्रदर्शन
करेगी. शिवसेना का कहना है कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को नियंत्रित करने
से इनकार करता है, उसके साथ सांस्कृतिक और खेल संबंध नहीं होने चाहिए.
शिवसेना की फिल्म इकाई ‘चित्रपट सेना’ ने कार्यक्रम के आयोजकों को पत्र लिखकर कहा था कि अगर पाकिस्तानी गायक का कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया, तो उसे शिवसेना और ‘देशभक्त जनता’ के गुस्से का सामना करना पड़ेगा.