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बांग्लादेश: ISIS की धमकी के बाद इंडियन हाईकमिश्नर ने किया रामकृष्ण मिशन का दौरा

चार दिन पहले इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के समर्थक होने का दावा करने वाले अज्ञात आतंकवादियों ने मिशन चीफ को जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें ‘इस्लामी बांग्लादेश’ में अपने धर्म की शिक्षा नहीं देने को कहा.

15 जून को मिली थी धमकी भरी चिट्ठी 15 जून को मिली थी धमकी भरी चिट्ठी
अंजलि कर्मकार
  • ढाका,
  • 20 जून 2016,
  • अपडेटेड 3:28 AM IST

बांग्लादेश में आईएसआईएस के समर्थक होने का दावा करने वाले संदिग्ध इस्लामी चरमंपथियों ने आध्यात्मिक रामकृष्ण मिशन के चीफ को जान से मारने की धमकी दी है. इसके बाद इंडियन हाई कमिश्नर हर्ष वर्धन श्रृंगला ने रविवार को यहां मिशन परिसर का दौरा किया. उन्होंने ढाका में हिंदू आध्यात्मिक मिशन की सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्था पर संतोष जताया है.

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चार दिन पहले इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के समर्थक होने का दावा करने वाले अज्ञात आतंकवादियों ने मिशन चीफ को जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें ‘इस्लामी बांग्लादेश’ में अपने धर्म की शिक्षा नहीं देने को कहा. श्रृंगला ने मिशन में मीडिया से कहा कि बांग्लादेश में आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए यहां जो भी कदम उठाए जाते हैं, हम करीबी पड़ोसी होने के नाते पूर्ण समर्थन की पेशकश कर सकते हैं. बता दें कि, इसके पहले भारत ने मिशन चीफ को धमकी मिलने का मुद्दा बांग्लादेश के सामने उठाया था. धमकी आने के बाद हाई कमीशन के एक अफसर ने पिछले हफ्ते मिशन का दौरा भी किया था.

15 जून को मिली थी धमकी भरी चिट्ठी
दरअसल, एक आतंकवादी ने 15 जून को रामकृष्ण मिशन चीफ के पते पर एक लेटर भेजा था, जो आईएसआईएस के लेटरहेड पर था. इस पर राजधानी के पास स्थित गाजीपुर का एक फर्जी पता दर्ज था और भेजने वाले ने अपने को एबी सिद्दिकी बताया था. लेटर में लिखा गया था, ‘बांग्लादेश एक इस्लामी राष्ट्र है. यहां आप अपने धर्म की शिक्षा नहीं दे सकते. अगर आप ऐसा करते रहते हैं तो 20 से 30 तारीख के बीच आपकी हत्या कर दी जाएगी.’

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सिविल ड्रेस में चौकसी कर रही पुलिस
लेटर में हालांकि, किसी महीने का जिक्र नहीं किया गया था. मिशन के एक संन्यासी ने पहले कहा था कि दो हफ्ता पहले एक अज्ञात युवक बिना कोई कारण बताए चीफ के ऑफिस में आया था. उन्होंने कहा कि धमकी मिलने के बाद जांच के लिए हमने युवक की एक तस्वीर पुलिस को सौंप दी. पुलिस ने कहा कि शिकायत दर्ज होने के बाद मिशन के आसपास सादे कपड़ों में भी लगातार चौकसी बरती जा रही है. इसके अलावा मिशन के अफसरों की मंजूरी के बगैर किसी अज्ञात शख्स को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.

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