
भारतीय वायुसेना आज मंगलवार को वायुसेना दिवस मना रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर में वायुसेना दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर तीनों सेनाओं के प्रमुख दिल्ली राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे. सेना प्रमुख बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
देश की शान माने जाने वाली भारतीय वायुसेना के लिए आज गौरव का दिन है क्योंकि आज देश में 87वां वायुसेना दिवस (एयरफोर्स डे) मनाया जा रहा है. दिल्ली समेत इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना भव्य कार्यक्रम करने जा रही है. इसको लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थी.
हिंडन में 54 एयरक्राफ्ट
भारतीय वायुसेना आज 87वां दिवस मना रही है. हर साल की तरह 8 अक्टूबर को गाजियाबाद के हिंडन में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. वायुसेना दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना में हाल ही शामिल हुए हैवि लिंफ्ट हैलिकॉप्टर चिनूक और दुनिया के सबसे खतरनाक अटैक हैलिकॉप्टर अपाचे पहली बार हिस्सा लेगी. कुल मिलाकर 54 एयरक्राफ्ट इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जिसमें 19 फाइटर विमान, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 20 हैलिकॉप्टर.
देश के अलग-अलग एयर बेस से उड़कर ये एयरक्राफ्ट हिंडन पहुंचेंगे और अपने युद्ध कौशल के कारनामे दिखाएंगे. एक दर्जन से ज्यादा फाइटर स्टैंड बाई पर रखे गए है. फ्लाईपास्ट में चिनूक और अपाचे अपना जौहर दिखाएंगे तो वहीं बालाकोट में आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूत करने वाले मिराज 2000 देश के सामने अपनी फ्लाइंग की ताकत दिखाएंगे.
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वेदेशी तेजस में उडान भरकर मेक इन इंडिया पर भरोसा कायम किया वो भी इस वायुसेना दिवस पर अपनी रणकौशल दिखाएगी.
पिछले साल हिंडन आए थे सचिन
पिछले साल एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ समेत वायुसेना के कई बड़े अधिकारी मौजूद हैं. परेड के दौरान जगुआर, बिसन, MiG-29, मिराज-2000, सुखोई जैसे एयरक्राफ्ट ने अपनी ताकत दिखाई.
पिछले साल हिंडन एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम के बीच पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी पहुंचे. एयरफोर्स की तरफ से सचिन को ग्रुप कैप्टन की उपाधि दी गई है.
8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना (IAF) की स्थापना की गई थी. इस दिन को एयरफोर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. 1 अप्रैल 1933 को इसके पहले दस्ते का गठन हुआ था जिसमें 6 RAF-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था.