
भारत के मोस्टवांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम पर शिकंजा कसने के लिए अब भारत अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद लेगा. दाऊद को गिरफ्त में लेने के लिए अब उसकी गतिविधियों से जुड़ी खुफिया सूचनाएं, उसका पता, दुनियाभर में फैले उसके कारोबार की जानकारी ट्रंप प्रशासन को उपलब्ध कराई जाएगी.
सूत्रों की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद भारत अमेरिका को इस संबंध में पूरा ब्योरा नए सिरे से सौंपेगा. इस मामले में भारत से एक टीम भी अमेरिका भेजी जा सकती है जो मसूद अजहर, हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी जैसे आतंकियों पर कार्रवाई के लिए पाक पर दबाव की अपील करेगी. गृह मंत्रालय दाऊद समेत कुख्यात आतंकियों और अपराधियों की सूची तैयार कर उन्हें कठघरे में खड़ा करने की रणनीति तैयार कर रहा है.
डी-कंपनी भारतीय अर्थव्यवस्था को पहुंचा रही है नुकसान
दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्टवांटेड आतंकी है. डी-कंपनी का काला कारोबार भारत को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. डी-कंपनी हवाला और जाली नोटों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुंचा रही है. सूत्रों की माने तो दाऊद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिलकर भारत में हमलों की रणनीति बनाता है और आतंकियों को आर्थिक तौर पर मदद भी देता है. बता दें कि दाऊद इब्राहिम अमेरिका की मोस्टवांटेड आतंकियों की लिस्ट में रहा है.
दाऊद के ओसामा बिन लादेन से रहे हैं गहरे संबंध
बताया जाता है कि दाऊद के अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन से भी काफी गहरे संबंध रहे हैं. इसी के चलते उसका नाम वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में डाला गया था. सूत्रों की माने तो दाऊद अभी भी कराची में है. यूएन भी दाऊद के पाकिस्तानी में कई ठिकानों की पुष्टि कर चुका है. भारत के खाड़ी देशों के साथ बढ़ते संबंधों की वजह से दाऊद ने सऊदी अरब, यूएई समेत अन्य खाड़ी देशों के दौरे बंद कर दिए हैं. ऐसा माना जाता है कि दाऊद को आईएसआई की कड़ी सुरक्षा में रखा गया है.