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पाक की एक और करतूत, भारतीय उच्चायुक्त को इस्लामाबाद क्लब की मेंबरशि‍प देने से किया इंकार

क्लब ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारतीय उच्चायुक्त की सदस्यता के आवेदन को खारिज कर दिया है. बताया जा रहा कि अभी तक भारतीय उच्चायोग ने इस विषय को पाकिस्तान सरकार के समक्ष नहीं उठाया है.

इस्लामाबाद क्लब इस्लामाबाद क्लब
राहुल विश्वकर्मा
  • इस्लामाबाद,
  • 01 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. भारत को नीचा दिखाने की कोशिश करते हुए इस पड़ोसी मुल्क ने वहां तैनात भारतीय उच्चायुक्त के एक आवेदन को खारिज कर दिया है. भारतीय उच्चायुक्त ने शहर के प्रतिष्ठित इस्लामाबाद क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था, जिसे तीन महीने का समय बीतने के बाद भी अब तक रोके रखा गया है.

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दिसंबर में किया था आवेदन

स्थानीय अखबार ‘डेली मॉर्निंग मेल’ के मुताबिक भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने इस्लामाबाद में तैनाती मिलने पर इस क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था. नवंबर 2017 में उन्हें पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त बनाया गया था. पदभार संभालने के बाद दिसंबर में उन्होंने इस एलिट क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन दे दिया था. लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी क्लब की ओर से न तो उनके आवेदन पर कोई विचार किया गया और न ही कोई जवाब दिया गया.

सुरक्षा कारणों का दिया हवाला

सूत्रों के मुताबिक क्लब ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारतीय उच्चायुक्त की सदस्यता के आवेदन को खारिज कर दिया है. बताया जा रहा कि अभी तक भारतीय उच्चायोग ने इस विषय को पाकिस्तान सरकार के समक्ष नहीं उठाया है.

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एलिट क्लास के लोगों का है क्लब

इस्लामाबाद क्लब एक संवैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना राष्ट्रपति के अध्यादेश से की गई थी. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रतिष्ठित इस्लामाबाद क्लब है. इस क्लब में शहर के एलिट क्लास के लोग सदस्य हैं. इनमें कई देशों के राजदूत, बड़े पदों पर आसीन अधिकारी, बिजनेसमैन, राजनेता सदस्य हैं जो सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा करते हैं.  

क्लब के सदस्यों पर फैसला पाकिस्तान सरकार करती है

क्लब ने इस विषय पर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया है. क्लब के प्रशासकीय सचिव मकबूल चौधरी का कहना है कि हम भारतीय उच्चायुक्त के आवेदन के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. यह गोपनीय है. उन्होंने कहा कि इस क्लब के चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर की नियुक्ति पाकिस्तान सरकार करती है. वे इस विषय पर कुछ भी नहीं बोल सकते.

1987 बैच के IFS अधिकारी हैं अजय बिसारिया

अजय बिसारिया 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं. अजय पाकिस्तान से पहले पोलैंड में भारतीय राजदूत थे. उनसे पहले पाकिस्तान में गौतम बम्बावले उच्चायुक्त थे. अजय बिसारिया 1988 से 1991 तक मास्को में तैनात थे. 1999 से 2004 तक प्रधानमंत्री के निजी सचिव भी रह चुके हैं.

विदेशी राजनयिक का आवेदन एक दिन में होता है मंजूर

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सूत्रों के मुताबिक अभी तक किसी भी विदेशी राजनयिक के आवेदन को एक दिन में ही मान्यता दे दी जाती है, लेकिन भारतीय उच्चायुक्त के आवेदन को क्लब तीन महीने से भी अधिक समय से लटकाए हुए है.

सदस्यता के आवेदन पर नहीं दिया कोई ठोस जवाब

‘डेली मॉर्निंग मेल’ ने इस बाबत जब भारतीय उच्चायोग से बात की तो वहां तैनात प्रेस एवं सूचना विभाग के प्रभारी अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि अजय बिसारिया ने दिसंबर के आखिरी में क्लब में सदस्यता के लिए आवेदन दिया था. इस पर हमें अब तक यह नहीं बताया गया है कि वे आवेदन को स्वीकार कर रहे हैं या फिर इसे खारिज कर रहे हैं.

पहले के राजदूत रहे हैं क्लब के सदस्य

अविनाश सिंह ने बताया कि इससे पहले तक के भारतीय उच्चायुक्त यहां क्लब के सदस्य रह चुके हैं. भारतीय उच्चायोग में तैनात कुछ और अधिकारियों की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. उन्होंने भी अपने एप्लीकेशन को रिन्यू करने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक क्लब की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है. हमें क्लब के जवाब का इंतजार है.

जाधव की मां-पत्नी का कर चुका है अपमान

इससे पहले भी पाकिस्तान जब-तब भारत को नीचा दिखाने की कोशिश करता रहा है. कुछ माह पहले ही अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात कराई थी. लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पाकिस्तान ने यह मुलाकात शीशे की दीवार के बीच कराई थी. इस दौरान भी कई कैमरे लगाए गये थे. पाकिस्तान की इस हरकत की कड़ी निंदा की गई थी.

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