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भारत की इस मिसाइल से चीन के हर शहर पर टारगेट पक्का!

मालाबार सैन्य अभ्यास के ज़रिए भारत ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर चीन को अपनी ताकत दिखाई है. जिसको लेकर चीन हमेशा से चिढ़ा रहता है. आज एक ऐसी इंटरनेशनल ख़बर आई है, जो भारत की ताकत के बारे में चीन के भ्रम को तोड़ देगी.

चीन-भारत चीन-भारत
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

चीन के लिए भारत की घेराबंदी करना इतना आसान भी नहीं है. मालाबार सैन्य अभ्यास के ज़रिए भारत ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर चीन को अपनी ताकत दिखाई है. जिसको लेकर चीन हमेशा से चिढ़ा रहता है. आज एक ऐसी इंटरनेशनल ख़बर आई है, जो भारत की ताकत के बारे में चीन के भ्रम को तोड़ देगी. जिस भ्रम में चीन भारत को धमकियां देता है औऱ ये कहता है कि उसकी सैन्य ताकत चीन के सामने कुछ नहीं है दो इंटरनेशनल न्यूक्लियर एक्सपर्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत की अपने किसी भी हिस्से से चीन के किसी भी हिस्से को अपनी मिसाइल पावर के टारगेट में लेने की क्षमता है. 

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भारत की मिसाइल पावर का लोहा दुनिया भी मानती है, इसलिए 62 की धमकियां देने वाला चीन किसी भ्रम में ना रहे. क्योंकि अमेरिका के दो बड़े न्यूक्लियर एक्सपर्ट्स की एक ताज़ा रिपोर्ट में ये कहा गया है कि 

भारत ऐसी मिसाइल पावर बना रहा है, जिसमें चीन के हर शहर को टारगेट करने की क्षमता है. 

अभी अग्नि-4 मिसाइल के ज़रिए भारत उत्तर-पूर्व से चीन के हर शहर को टारगेट कर सकता है. 

लेकिन अग्नि-5 के पांच हज़ार किलोमीटर के रेंज से वो भारत में कहीं से भी चीन को निशाना बना सकता है. 

इसका मतलब ये है कि अगर चेन्नई से मिसाइल जाएगी तो चीन के कोने में शंघाई को ध्वस्त कर देगी. 

एक अमेरिकी ऑनलाइन मैगजीन में छपी इस रिपोर्ट में भारत की परमाणु ताकत और परमाणु ताकत से लैस मिसाइलों के बारे में खासतौर पर ज़िक्र किया गया है, जिसमें दो Hans M Kristensen और Robert S Norris ने लिखा है: 

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भारत के पास 150 से 200 न्यूक्लियर हथियार बनाने की क्षमता का प्लूटोनियम मौजूद है. 

हालांकि अभी 120 से 130 न्यूक्लियर हथियार भारत के पास हैं. 

भारत की न्यूक्लियर रणनीति खासतौर पर पाकिस्तान पर फोकस रही है. 

लेकिन अब भारत का फोकस लगातार चीन की तरफ बढ़ रहा है. 

भारत के पास अभी सात न्यूक्लियर क्षमता से लैस डिफेंस सिस्टम काम कर रहे हैं. 

जिसमें दो हवाई, चार ज़मीनी और एक समुद्री बेस बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है. 

इस इंटरनेशनल रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत कम से कम ऐसे चार और पर काम कर रहा है, जिन्हें मुमकिन है की चीन को देखते हुए अगले दस सालों में तैनात कर दिया जाएगा. भारत के मिसाइलों की ताकत के बारे में मानते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के पास अग्नि-2 मिसाइल है, जो परमाणु हथियार के साथ 2 हज़ार किलोमीटर के टारगेट तक जा सकती है. जिसमें चीन का पश्चिमी, मध्य और दक्षिण का पूरा इलाका टारगेट में आ सकता है.

अग्नि-4 मिसाइल उत्तर-पूर्व से बीजिंग और शंघाई सहित करीब करीब चीन के हर शहर को टारगेट कर सकता है. लेकिन अब भारत ऐसी ताकत विकसित कर रहा है. जिससे उसके पास मध्य भारत और दक्षिण भारत में अपने किसी भी बेस से चीन के किसी भी शहर को टारगेट पर लेने की क्षमता आ जाएगी.

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