
भारतीय नौसेना की स्पेशल फोर्सेज यूनिट 'मार्कोस' यानी मरीन कमांडो फोर्स ने समंदर में अपना दम दिखाते हुए पाइरेसी की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी है. जब अदन की खाड़ी में नौसेना का INS त्रिशूल स्टील्थ फ्रिगेट भारतीय जलपोत MV Jag Amar की निगरानी कर रह रहा था, तभी मार्कोस को AK-74 राइफल, मैगजीन, छोटी नौका समेत अन्य खतरनाक सामान बरामद हुए.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि अदन की खाड़ी में करीब 12 समुद्री डाकू इस भारतीय मालवाहक जलपोत को लूटने की कोशिश की, लेकिन गनीमत रही कि इस दौरान भारतीय नौसेना की मार्कोस भी एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन में थे, जिसके चलते समुद्री डाकुओं के मंसूबों में पानी फिर गया.
साल 2008 से भारतीय नौसेना पाइरेसी रोकने के लिए अक्सर विशेष एंटी पाइरेसी ऑपरेशन चलाती रहती है. मार्कोस MV Jag Amar में सवार थे. MV Jag Amar 82 हजार टन का मालवाहक जलपोत है. माना जा रहा है कि भारतीय मालवाहक जलपोत MV जगमार की पाइरेसी की जा रही थी. मगर अलर्ट मार्कोस ने इसको नाकाम कर दिया.
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को करीब साढ़े 10 बजे जैग अमर जलपोत की लूटपाट की कोशिश को मार्कोस ने विफल कर दिया. यह मर्चेंट जलपोत भारत में पंजीकृत है. माना जा रहा है कि इस पाइरेसी में करीब 12 समुद्री डाकू शामिल रहे. फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो यूनिट का गठन एंटी पाइरेसी ऑपरेशन, एंटी टेरोरिज्म ऑपरेशन और युद्ध की परिस्थिति में स्पेशल ऑपरेशन चलाने के लिए किया था. फिलहाल नौसेना की इस यूनिट को बेहद मजबूत माना जाता है. इसके कमांडो बेहद प्रशिक्षित होते हैं, जो हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं.
भारतीय नौसेना ने चीन के जलपोत को भी समुद्री डाकुओं से बचाया
भारतीय नौसेना हमेशा से ही समुद्री डाकुओं के मंसूबों को नाकाम करती रही है. कई बार पाकिस्तान और चीन के व्य़ापारिक जलपोतों को भी पाइरेसी से बचा चुकी है. भारतीय नौसेना को आठ अप्रैल की भी अदन की खाड़ी में चीनी एक व्यापारिक जलपोत के हाईजैक होने की खबर मिली थी. इसके बाद भारत और चीन की नौसेना ने मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया.
यह पोत मलेशिया में केलांग से यमन के तटीय शहर अदन की तरफ जा रहा था, तभी इसे लुटेरों ने घेर लिया. इस जहाज के मुश्किल में फंसने की खबर मिलते ही भारतीय नौसेना ने अपने जहाज-INS मुंबई और INS तर्कश को तुरंत मदद के लिए भेजा. उन्होंने उस जहाज को चारों ओर से घेर लिया और उसके कप्तान से संपर्क साधा. इसके बाद समुद्री डाकुओं को जान बचाकर भागना पड़ा.