
दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी की अगुवाई में भारतीय तीरंदाजी टीम लंदन ओलंपिक में चिड़िया की आंख पर निशाना साधने के इरादे से उतरेगी. ओलंपिक की तीरंदाजी स्पर्धायें क्रिकेट के मक्का लार्डस पर हो रही है.
एथेंस ओलंपिक खेलों (2004) के बाद पहली बार भारतीय तीरंदाजों ने अधिकतम छह कोटा स्थान हासिल किये हैं. दीपिका के शानदार फार्म को देखते हुए टीम को चार में से कम से कम दो स्पर्धाओं में पदक की उम्मीद है.
अठारह बरस की दीपिका ने 2009 में कैडेट विश्व चैम्पियनशिप जीतकर सुखिर्यां बटोरी थी. रांची की इस लड़की ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.
एक आटोरिक्शा चालक की बेटी दीपिका ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता. उसने 2011 में जूनियर विश्व खिताब अपने नाम किया. वहीं हाल ही में तुर्की में विश्व कप के दूसरे चरण में दक्षिण कोरिया की ली सुंग जिन को हराकर स्वर्ण पदक जीता.
डोला बनर्जी के बाद वह दुनिया की नंबर एक तीरंदाज बनने वाली दूसरी भारतीय है. राष्ट्रीय कोच लिम्बा राम ने कहा, ‘वह ओलंपिक के व्यक्तिगत वर्ग में पदक की प्रबल दावेदार है. उसकी तरक्की का ग्राफ बेहतरीन है. पिछले दो साल में उसने कई दिग्गजों को हराया है.’ महिला रिकर्व टीम में दीपिका, बोंबायला देवी और चेकरोवोलू स्वुरो हैं.
तीनों ने इटली के तूरीन में विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में प्रवेश करके ओलंपिक कोटा हासिल किया. इसी चैम्पियनशिप में जयंत तालुकदार ने व्यक्तिगत रिकर्व में ओलंपिक कोटा पाया. तरूणदीप राय और राहुल बनर्जी इसमें फ्लाप रहे थे.
पुरुष टीम ने ओडेन में पिछले महीने विश्व कव के तीसरे चरण के सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया को हराकर ओलंपिक में स्थान पक्का किया. यह आखिरी क्वालीफायर भी था. एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता राय का यह दूसरा ओलंपिक है.
वह एथेंस ओलंपिक 2004 में 32वें स्थान पर रहे थे जबकि भारतीय टीम 11वें स्थान पर रही थी.
कंधे की चोट के कारण दो साल खेल से दूर रहे राय ने एशियाई खेल 2010 में रजत और टीम वर्ग में कांस्य जीतकर वापसी की.
पुरुष टीम में अच्छे प्रदर्शन का दारोमदार हालांकि तालुकदार पर होगा जिन्होने विश्व कप के दूसरे और तीसरे चरण में भारत को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई.