Advertisement

ट्रक मैकेनिक शांति देवी बनीं औरतों के लिए मिसाल, टायर बदलकर जिंदगी जीने की देती हैं सीख...

कार का टायर अकेले बदलना पड़ जाए तो लोगों के हाथ-पांव फूल जाते हैं. वे मैकेनिक तलाशने लगते हैं. लेकिन दिल्‍ली में एक ऐसी महिला ट्रक मैकेनिक हैं जो देखते-देखते पूरे ट्रक की सर्विस कर देती हैं. जानिए इनके बारे में...

शांति देवी शांति देवी
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 08 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

शांति देवी भारत की पहली महिला ट्रक मैकेनिक हैं. शायद उनको भी इस बात का आभास है. इसलिए वे कहती हैं, 'जब मैं ट्रक के टायर बदलती हूं तो लोग मुझे चौंक कर देखते हैं. कई लोग तो यह सब देखने के लिए रुक भी जाते हैं. मैं बस वही करना चाहती हूं जो मेरा मन कहता है. मैं दूसरों के द्वारा सेट किए गए मानकों पर जीवन नहीं जीना चाहती.'

Advertisement

शांति देवी दिल्‍ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर (SGTN) की AW-7 दुकान पर ये काम करती दिख जाती हैं. शांति देवी बताती हैं, 'मेरे पति राम बहादुर और मैं मिलकर ये काम करते हैं. मैं घर भी संभालती हूं और ये काम भी करती हूं.'

भारतीय मूल की 'चायवाली' उपमा बनीं बिजनेस वूमन ऑफ द ईयर

SGTN, 75 एकड़ के क्षेत्र में फैला है और यह एशिया में सबसे बड़ा ट्रकों को स्‍टॉपओवर प्‍वाइंट है. यहां प्रतिदिन 70,000 ट्रक पार्क किए जाते हैं और करीब 20,000 ट्रक यहां से रोज गुजरते हैं. यहां इन दोनों पति-पत्‍नी ने चाय की दुकान से काम करना आरंभ किया था.

डॉक्टरों ने कहा, कभी चल नहीं पाओगी और आज वो सेलिब्रेटी योगा ट्रेनर हैं...

शांति कहती हैं, 'चाय की दुकान जब चल पड़ी तो हमने सोचा कि यह सही जगह है कि हम यहां ट्रक की वर्कशॉप शुरू कर सकते हैं. शुरू-शुरू में तो यहां आने वाले लोग मुझे घूरते थे, शायद वे पहली बार किसी महिला को ये काम करते हुए देखते थे, लेकिन अब और भी कई महिलाएं बाहर आकर इस काम में अपने पतियों की मदद कर रही हैं.'

Advertisement

शांति ने टायर बदलना और मैकेनिक के अन्‍य काम अपने पति और अन्‍य मैकेनिक्‍स से सीखे हैं. शांति कहती हैं, 'अगर कोई महिला ठान ले तो वो किसी पुरुष से ज्‍यादा बेहतर काम कर सकती है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement