
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर प्लेबैक सिंगर मुकेश का आज 91वां जन्मदिन है. 22 जुलाई 1923 को दिल्ली में उनका जन्म हुआ था. मुकेश को गायिकी का शौक बचपन से ही था. छोटी बहन को संगीत सिखाने जब घर पर मास्टर आते थे, तो मुकेश पास में बैठ कर गुर सीखा करते थे. 1941 में उन्हें पहला ब्रेक मिला. फिल्म 'निर्दोष' के लिए उन्होंने 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाना गाया. यह उनके करियर का पहला गाना था.
मुकेश केएल सहगल को बहुत पसंद करते थे. करियर के शुरुआती दिनों में मुकेश की गायिकी में सहगल साहब की छाप साफ महसूस होती थी. 1945 में फिल्म 'पहली नजर' में मुकेश ने 'दिल जलता है तो जलने दो' गाना गाया. कहा जाता है कि जब सहगल ने इस गाने को सुना तो वह इस सोच में पड़ गए कि उन्होंने यह गाना कब गाया था. मुकेश ने इस गाने में काफी हद तक सहगल साहब को कॉपी करने की कोशिश की थी.
संगीतकार नौशाद अली ने मुकेश को अपनी अलग पहचान कायम करने में मदद की. 1974 में 'कई बार यूं ही देखा है' गाने के लिए मुकेश को सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. अपने गायिकी के करियर में मुकेश ने करीब 13 सौ गाने गए. आंकड़ों की नजर से यह काफी कम था. उस दौर के गायकों ने इससे ज्यादा गाने गए थे. क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी पर फोकस करने वाले मुकेश ने अपने करियर में कई खूबसूरत गाने गए. 'सब कुछ सीखा हमने', 'कभी कभी मेरे दिल में', 'जय बोलो बेईमान की', 'दुनिया बनाने वाले' गाने आज भी लोगों की जुबान पर है.
हो सकता है कि इस लिस्ट में आपका पसंदीदा गाना छूट गया हो. क्या करें, मुकेश के बेहतरीन नगमों की लिस्ट है ही इतनी बड़ी कि उन्हें समेट पाना आसान नहीं. मुकेश को उनके 91वें जन्मदिन पर हमारा सलाम.