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भारतीय डाक विभाग टेलीग्राम की तरह पिछले 135 वर्षो से चली आ रही मनीऑर्डर सेवा को भी बंद कर दिया है. इसके साथ ही मनीऑर्डर इतिहास बनकर रह गया है.
भारतीय डाक विभाग 1880 से मनीऑर्डर सेवा प्रदान करता आ रहा था, जिसके जरिए डाक विभाग देशभर में स्थित 155,000 डाकखानों के माध्यम से देश के कोने-कोने तक लोगों के पास घर बैठे उनके सगे-संबंधियों के जरिए भेजा गया नकदी रुपया पहुंचाता था. इंटरनेट और मोबाइल के युग में पारंपरिक मनीऑर्डर सेवा की जगह अब इसके इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप को शुरू किया जाएगा.
राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारतीय डाक विभाग में उप महानिदेशक शिखा माथुर कुमार ने कहा, 'जी हां, पारंपरिक मनीऑर्डर सेवा बंद कर दी गई है. अब हमने इसकी जगह एक नई इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर (EMO) एवं इंस्टैंट मनीऑर्डर (IMO) सेवाएं शुरू की हैं.' कुमार ने कहा कि यह दोनों सेवाएं काफी तेज हैं और पैसा भेजने बेहद सहज हैं.
भारतीय डाक विभाग के अनुसार इंस्टैंट मनीऑर्डर सेवा 1,000 रुपये से 50,000 रुपये ट्रांसफर करने की सुविधा देगा. इंटरनेट पर आधारित इंस्टैंट सेवा के जरिए निर्दिष्ट आईएमओ सुविधा युक्त डाकखाने से किसी एक पहचान पत्र के साथ एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म भरकर रुपया भेजा जा सकता है.
दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर सेवा के तहत एक रुपया से लेकर 5,000 रुपये तक की राशि प्राप्तकर्ता घर बैठे प्राप्त कर सकता है. इसके अंतर्गत निर्दिष्ट डाकखानों से ही रुपया भेजा जा सकता है, लेकिन पूरे देश में किसी भी डाकखाने द्वारा यह राशि प्राप्त की जा सकती है. इस तरह स्थानांतरित राशि को भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट पर ट्रैक भी किया जा सकता है.
-इनपुट IANS