
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत इथोपिया और जिबूती का दौरा करेंगे. वह चार अक्तूबर को पहले इथोपिया जाएंगे और फिर वहां से जिबूती के लिए रवाना होंगे. माना जा रहा है कि चीन को करारा जवाब देने के लिए भारतीय राष्ट्रपति अपने पहले विदेश दौरे की शुरुआत अफ्रीका से कर रहे हैं.
दरअसल, चीन अफ्रीका महाद्वीप में अपनी पैठ जमाना चाहता है. वह जिबूती में अपना सैन्य ठिकाना बनाने की फिराक में है और अफ्रीका तक रेल नेटवर्क बिछाना चाहता है. लिहाजा चीन की चुनौतियों को देखते हुए भारत भी अफ्रीकी देशों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अफ्रीका के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने की खास रणनीति के तहत अक्तूबर 2015 में इंडिया अफ्रीका फोरम समिट की मेजबानी की थी. इसमें करीब 54 अफ्रीकी देशों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से करीब 40 राष्ट्र प्रमुख थे.
45 साल बाद भारतीय राष्ट्रपति जाएंगे इथोपिया
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव नीना मल्होत्रा ने बताया कि करीब 45 साल बाद पहली बार कोई राष्ट्रपति अफ्रीकी देश इथोपिया का दौरा करेंगे. इससे पहले साल 1972 में तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि ने इथोपिया का दौरा किया था. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चार से छह अक्टूबर तक इथोपिया की यात्रा पर होंगे. वह इथोपियाई राष्ट्रपति मुलातू तेशोमी के बुलावे पर यह दौरा कर रहे हैं. वहां राष्ट्रपति कोविंद बिजनेस इवेंट में हिस्सा लेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे.
एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर भी निगाह
नीना मल्होत्रा ने बताया कि आर्थिक और विदेश पॉलिसी के लिहाज से अफ्रीका भारत के लिए बेहद अहम है. एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर को लेकर भी दोनों देशों चर्चा कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से भारत और इथोपिया के बीच बेहद करीबी और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. दोनों देशों के बीच जुलाई 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, जो लगातार मजबूत होते गए. साल 2011 में डॉ मनमोहन सिंह ने इथोपिया का दौरा किया था. उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी गया था. भारत ने तीन सुगर प्रोजेक्ट्स में इथोपिया को एक अरब डॉलर की रियायत दी है.
राष्ट्रपति के दौरे से उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विदेशी दौरा बेहद खास रहता है. यह देखा भी गया कि पीएम मोदी के किसी देश के दौरे में जाने से पहले वीवीआईवी दौरा आयोजित किया जाता है. माना जा रहा है कि ऐसे दौरों का मकसद पीएम मोदी की यात्रा के लिए जमीन तैयार करना होता है. लिहाजा राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान कोई अहम समझौता होने की उम्मीद नहीं है. शुक्रवार को राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने बताया कि रामनाथ कोविंद इथोपिया के साथ ही जिबूती का भी दौरा करेंगे. जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर गुले के आमंत्रण पर उनका यह दौरा सामने आया है. जिबूती के प्रधानमंत्री अब्दुलकादेर कामिल मोहम्मद राष्ट्रपति कोविंद को रिसीव करेंगे.