
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर महामना एक्सप्रेस को नई दिल्ली के लिए रवाना किया. इसी के साथ नई डिजाइन, नए अंदाज और नए बदलाव वाले रेल डिब्बों वाली ट्रेन की शुरुआत हो गई. रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दूरंतो और शताब्दी की तरह महामना एक्सप्रेस की ट्रेनों का अलग क्लास होगा और आने वाले समय में अन्य रेलवे मार्गों पर भी महामना एक्सप्रेस चलाने पर विचार किया जा रहा है.
गौरतलब है कि अभी हफ्ते में तीन दिन वाराणसी और नई दिल्ली से चलाई जाने वाली महामना एक्सप्रेस आधुनिक सुविधाओं वाली अपनी तरह की अकेली गाड़ी है. बताया जाता है कि रेलवे ने फिलहाल नए बदलाव के साथ 24 डिब्बे ही बनाए हैं, जिनमें से 18 डिब्बों को वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस में इस्तेमाल किया गया है. आने वाले दिनों में भोपाल कोच फैक्ट्री में और ज्यादा डिब्बों को न्यू लुक और बदलाव के साथ मॉडिफाई किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, जैसे-जैसे डिब्बे नई रंगत आते जाएंगे वैसे-वैसे नए मार्गों पर महामना एक्सप्रेस चलाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. रेलवे को महामना एक्सप्रेस चलाने में दोहरा फायदा है. एक तरफ जहां वो इससे बेहतर यात्री सुविधाएं दे पाएगी, वहीं दूसरी तरफ वो AC1, AC2 और स्लीपर के किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी भी वसूल पाएगी.
रेलवे ने बनाई मॉडल रैक परियोजना
बता दें कि महामना एक्सप्रेस की सभी श्रेणियों के कोच में आधुनिक और आरामदायक सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने मॉडल रैक परियोजना बनाई थी. यह नया विकसित रैक भारतीय रेल को पिछले 10-12 वर्ष से अधिक समय से सेवा प्रदान कर रहे सात अलग-अलग प्रकार की श्रेणी के डिब्बों का नवीकृत और पुन: सुसज्जित रूप है. इस मॉडल रैक के डिजाइन और विकास में भारतीय रेलवे ने हर कटैगिरी के रैकों की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त सुविधाओं का प्रावधान किया है.