
पाकिस्तान आईएसआई और सेना लगातार आतंकी संगठनों को भारत के खिलाफ बड़ी आतंकी कार्यवाही करने के लिए दवाब बना रही है. इसीलिए अब मौसम के बदलाव के साथ घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई हैं. आर्मी ने सरहद से लगे अपने सभी अहम इंस्टालेशन की सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है. आज हम आपको बताएंगे घुसपैठ के 10 रास्ते जिससे आतंकी लगातार देश में आतंक फैलाने की फिराक में हैं.
पहला रास्ता है गुरेज जिसके सामने पीओके का स्कार्दू इलाका है यहां पर आतंकियों का लॉन्चिंग पैड और कैंप भी है. दूसरा रास्ता जहां से आतंकी लगातार घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं वो है माछिल जिसके सामने पाक का केल इलाका है. ये इलाका पहाड़ी पथरीला है, घने जंगल होने की वजह से घुसपैठ की कोशिश की जाती है. तीसरा इलाका केरन है जिसके सामने पाकिस्तान का करको और कुपवाड़ा के सामने मुजफ्फराबाद पड़ता है. दरअसल मुजफ्फरनगर के दुल्लु इलाके में कैंप हैं इसी कैंप में आतंकियों की खूंखार ट्रेनिंग है.
हम आपको ये भी बता दें कि तंगधार में इस साल कम बर्फ पड़ी है इसीलिए पाकिस्तान के तीठवल इलाके से भी अपने आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिश की जाती है. उरी सेक्टर के ये वो इलाके हैं जहां से कई बार आतंकियों को घुसपैठ में कामयाबी भी मिली है. पाकिस्तान का चकोठी इलाका इसके सामने है. ये कश्मीर के वो इलाके हैं जहां मौसम बदलते ही घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं.
ये है सेना की तैयारी
सुरक्षा बलों के मुताबिक जैसे ही आतंकी के छुपे होने की सूचना मिलेगी या एनकाउंटर हो रहा होगा तो उन्हें एक टीम चक्रव्यूह बनाकर घेराबंदी कर देगी ताकि वो आगे ना बढ़ पाएं और पत्थरबाजी भी ना कर पाएं उन पर इस तरह से दवाब बनाया जाए. वहीं दूसरी टीम ऑपरेशन को अंजाम देगी.
20-20 और वन डे खेलते हैं पत्थरबाज
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी अपने ओजीडबल्यू से सम्पर्क में रहते हैं और फिर यही पत्थरबाजों को निर्देश देते हैं 20-20 या वन डे खेलने के लिए. 20-20 का मतलब है सुबह और शाम में डिप्लॉमेंट के वक्त पत्थरबाजी तेज करना. वन डे का मतलब है बंद की कॉल करके दिन भर पत्थरबाजी करके सुरक्षा बलों के लिए परेशानी बढ़ाना. इसीलिए सुरक्षा बलों ने इस प्लान के साथ ऑपरेशन स्ट्राइक बैक की पूरी तैयारी कर ली है ताकि OGW की मदद से कहीं भी आतंकी और पत्थरबाज सुरक्षा बलों को निशाना ना बना पाएं.