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अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने मंगलवार को कहा कि मजबूत वृद्धि और वास्तविक आय में वृद्धि के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आकर्षक का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पिछले 6 महीने में वैश्विक परिदृश्य और कमजोर हुआ है.
उभरते बाजार से दुनिया को उम्मीद
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने कहा कि मुख्य रूप से उभरते बाजारों ने पुनरूद्धार को आगे बढ़ाया है और उम्मीद थी कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं ‘वृद्धि की पताका’ को थामेंगी. क्रिस्टीन ने कहा कि उभरते बाजारों में विविधता है, लेकिन कहानी सभी की एक जैसी है. चीन का अधिक टिकाऊ आर्थिक मॉडल की ओर बढ़ना चीन के साथ-साथ दुनिया के लिए अच्छा है.
भारतीय बाजार पर दुनिया की नजर
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया के लिए भी यही स्थिति है. तेल की कीमतों में गिरावट के कारण उन पर प्रभाव पड़ा है और कम आय वाले देशों में भी संभावना कम हुई है. वहीं क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि इस बीच भारत मजबूत वृद्धि और वास्तविक आय में वृद्धि के साथ एक आकषर्क स्थल बना हुआ है. उन्होंने कहा आसियान के सदस्य इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, थाईलैंड और वियतनाम अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.
भारत ने उठाए कई सख्त कदम
क्रिस्टीन ने राजकोषीय नीति के बारे में कहा कि अधिकतर देशों में मुद्दा यह है कि नीतियों को कैसे वृद्धि अनुकूल बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसे राजस्व और व्यय की संरचना में परिवर्तन कर किया जा सकता है. आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि उदाहरण के लिए भारत ने महंगी उर्जा सब्सिडी पर खर्च कम किया है ताकि वह वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सामाजिक बुनियादी ढांचे में और निवेश कर सके. जापान बच्चों के देखभाल में निवेश कर रहा है ताकि अधिक महिलाओं को काम करने में मदद मिल सके जिससे मध्यम अवधि में वृद्धि को गति मिलेगी.