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भारतीय महिला की आपबीती, बंदूक की नोक पर PAK नागरिक ने की शादी

भारत की एक महिला ने पाकिस्तानी नागरिक से निकाह करने के मात्र दो दिन बाद इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से शरण मांगी. भारतीय उच्चायोग इस संबंध में पाकिस्तानी विदेश विभाग और भारत में महिला के परिवार के संपर्क में है.

भारतीय महिला ने मांगी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से मदद भारतीय महिला ने मांगी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से मदद
बालकृष्ण
  • नई दिल्ली/इस्लामाबाद,
  • 08 मई 2017,
  • अपडेटेड 1:09 AM IST

भारत उस 20 वर्षीय भारतीय नागरिक की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए पाकिस्तान के साथ समन्वय बनाए हुए है जिसने इस्लामाबाद की एक अदालत को बताया कि उसे एक पाकिस्तानी नागरिक के साथ शादी करने के लिए बंदूक तानकर मजबूर किया गया तथा हिंसा एवं यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.

इस महिला की पहचान उज्मा के रूप में हुई है. उसने इस्लामाबाद अदालत में अपने पति ताहिर अली के खिलाफ याचिका दायर की है, उसने अपने पति पर प्रताड़ना और धमकाने का आरोप लगाया है. महिला ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान रिकॉर्ड कराया है.

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अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि महिला ने मजिस्ट्रेट से कहा कि वह शादी के लिए नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान आई थी.

उज्मा ने कहा, 'मुझे बंदूक के बल पर शादी के लिए मजबूर किया गया और मेरे आव्रजन कागजात छीन लिए गए.' कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाई गई उज्मा ने यह भी आरोप लगाया कि ताहिर ने उसके खिलाफ हिंसा की और यौन उत्पीड़न किया. उन्होंने आगे कहा कि वह भारतीय उच्चायोग नहीं छोड़ना चाहती. अदालत ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी, शादी कराने वाले मौलवी हूमायूं खान को भी अगली सुनवाई पर सम्मन किया गया है.

महिला ने कहा है कि वह भारतीय उच्चायोग परिसर छोड़कर तब तक नहीं जाना चाहती है जब तक उसे सुरक्षित भारत नहीं भेज दिया जाता. उधर, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि पाकिस्तान में एक शख्स पर बंदूक दिखाकर नशीले पदार्थ का सेवन कराने, प्रताड़ित करने और निकाहनामा पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने के आरोप लगाने वाली उज्मा की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के साथ तालमेल से काम कर रही है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि महिला के भाई ने विदेश मंत्री से मुलाकात की और अपनी बहन को जल्द से जल्द बचाने के लिए सरकार की मदद मांगी. उन्होंने यह भी कहा कि युवती ने आज स्थानीय कानूनी जरूरतों के अनुरूप इस्लामाबाद की न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बयान दर्ज कराया। उसने पांच मई को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में शरण मांगी थी.

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