
भारतीय पहलवानों ने थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में एक स्वर्ण सहित नौ पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया. भारत ओवरऑल पदक तालिका में सातवें स्थान पर रहा जबकि महिला और पुरुष फ्रीस्टाइल टीमें चौथे जबकि ग्रीको रोमन टीम छठे स्थान पर रही.
पुरुषों की फ्रीस्टाइल के 57 किग्रा भार वर्ग में संदीप तोमर ने स्वर्ण पदक जीता. ओमप्रकाश विनोद कुमार ने 70 किलो वर्ग में रजत पदक जीता. भारतीय महिलाओं में उदीयमान पहलवान प्रियंका फोगाट (55 किलो) ने रजत पदक जबकि विनेश फोगाट (53 किलो) और अनिता तोमर (63 किलो) ने कांस्य पदक जीते. दिलचस्प बात यह है कि ग्रीको रोमन में भारत बहुत मजबूत नहीं माना जाता है लेकिन उसमें उसने चार पदक जीते.
पुरुषों की 57 किलो फ्रीस्टाइल में संदीप तोमर ने फाइनल में उत्तर कोरिया के जोंग हाक जिन को हराकर भारत को टूर्नामेंट का एकमात्र स्वर्ण पदक दिलाया. विनोद कुमार हालांकि 70 किलो के फाइनल में बहरीन की एडम बैतिरोव से हार गए. प्रियंका फोगाट ने महिलाओं के 55 किलो में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में वह मंगोलिया की दवासुखिन ओतोंगसेतसेग से हार गई. उनसे अधिक अनुभवी विनेश और अनिता को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.
ग्रीको रोमन में हरदीप सिंह ने रजत पदक जीता. वह 98 किलो के फाइनल में ईरान के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मेहदी अलियारी फेयाजाबदी से हार गए.
गौरव शर्मा ने 59 किलो में कांस्य पदक जीता. उन्होंने तीसरे स्थान के मुकाबले में कोरिया के इयुन बिन किम को हराया. हरदीप सिंह ने 80 किलो भार वर्ग में उज्बेक के अपने प्रतिद्वंद्वी जोनिबेक ओताबेकोव को हराकर कांसे का तमगा हासिल किया जबकि नवीन ने 130 किलो के तीसरे स्थान के मुकाबले में चीन के सुने हेई को हराया. इस प्रतियोगिता में पिछली बार भारत ने दोहा में पांच पदक (एक रजत और चार कांस्य) जीते थे और वह दसवें स्थान पर रहा था.