Advertisement

यमन में हालात बदतर, लौटे भारतीयों ने सुनाई भयावह दास्तान...

भारत ने बीती रात यमन के बंदरगाह शहर अल हुदायदाह से 300 और भारतीयों को बाहर निकाल लिया. हिंसाग्रस्त यमन से अब तक 800 से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. यमन से स्वदेश लौट रहे लोग जो दास्तान सुना रहे हैं, वह काफी भयावह है.

यमन से लौट रहे भारतीय यमन से लौट रहे भारतीय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

भारत ने बीती रात यमन के बंदरगाह शहर अल हुदायदाह से 300 और भारतीयों को बाहर निकाल लिया. हिंसाग्रस्त यमन से अब तक 800 से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. यमन से स्वदेश लौट रहे लोग जो दास्तान सुना रहे हैं, वह काफी भयावह है.

यमन से लौट रहे लोग मान रहे हैं कि बमबारी वाले इलाके से अपने घर में वापस आना उनके लिए बड़ी राहत की बात है. 190 भारतीय गुरुवार को मुंबई, जबकि 168 भारतीय केरल के कोच्चि पहुंचाए गए. यमन से 358 भारतीय मुंबई और कोच्चि पहुंचे

Advertisement

पहले ग्लेबमास्टर से 168 लोगों को लाया गया, जिनमें अधिकांश केरल की नर्से शामिल थीं. 2 बजे रात को कोच्चि में विमान उतरा. दूसरा विमान 190 भारतीयों को लेकर मुंबई में 3:25 बजे तड़के उतरा. यमन से भारतीयों को निकालने के लिए PM ने सऊदी से मांगी मदद

यमन ने लौटी एक नर्स ने बताया, 'आतंकियों का एक ग्रुप मेरे पास बम लेकर आया. जब उसने कहा कि वह मुझे बम से उड़ा देगा, तो हमारे होश उड़ गए. बड़ी मुश्क‍िल से हमलोग जान बचाकर आ सके.' यमन में फंसे भारतीयों के लिए कंट्रोल रूम

वहां की भयावह स्थिति को याद करते हुए लौटने वाले एक व्यक्ति ने कहा, 'यमन में हालात दिन ब दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं, क्योंकि वहां अंधाधुंध बमबारी हो रही है. जहां हम ठहरे हुए थे, वहां से करीब 200 मीटर की दूरी पर बम गिर रहे थे.'

Advertisement

यमन से लौटे एक शख्स ने कहा, 'हिंसा से प्रभावित होने वालों में सबसे ज्यादा तो बच्चे हैं.'

एक अन्य व्यक्ति‍ ने कहा, 'संचार का पूरा स्टम भी ध्वस्त हो गया है, इसीलिए भारतीय दूतावास के अधिकारियों और अपने लोगों से संपर्क साधना मुश्किल हो गया है.'

सुरक्षित लौटे भारतीयों को अपने भविष्य को लेकर चिंता है और उन्हें रोजगार मिलने की उम्मीद है. यमन में नर्स का काम करने वाली एक प्रवासी भारतीय ने कहा, 'हम अपने परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचकर खुश हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि हमारे भविष्य का क्या होगा. हमें रोजगार चाहिए, पर पता नहीं कि हमें कहां से काम मिलेगा, क्योंकि हमें परिवार की देखभाल भी करनी है.'

यमन में भारतीय नागरिकों की तादाद 2010 में 14000 के आसपास होने का अनुमान था, जो देश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण जून 2011 में घटकर 5000 रह गई. सना में दूतावास में केवल 3000 के करीब भारतीय ही दर्ज हैं.

गौरतलब है कि यमन में राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की सरकार को शिया हौती सेनाओं ने अपदस्थ कर दिया. उसके बाद ही 22 जनवरी से यमन में लड़ाई जारी है. सऊदी अरब के नेतृत्व में 10 देशों की गठबंधन सेना द्वारा हाल ही में सैनिक अभियान शुरू होने के बाद घमासान तेज हो गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement