
इंडोनेशिया में तूफानी लहरों के रूप में आई कयामत की आग ने सैकड़ों जिंदगियां खाक कर दीं. जबकि हजार से ज्यादा अब भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इस बीच जहां तूफान का खतरा थोड़ा टल गया है, वहीं तबाही के बाद खाने-पीने की मुसीबत पनप गई है. बच्चे बीमार हो गए हैं और उनका इलाज स्थानीय एजेंसियों के बड़ी चुनौती बन गया है.
सुनामी प्रभावित इलाकों में सख्त जरूरत वाली मदद मंगलवार को पहुंच तो गई लेकिन मानवीय सहायता दे रहे कर्मियों ने कहा है कि राहत शिविरों में लगातार बढ़ रही लोगों की संख्या के चलते साफ पानी और दवाएं बहुत तेजी से खत्म हो रही हैं.
शनिवार को ज्वालामुखी फटने से आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 400 के करीब पहुंचने और जमींदोज हुए मकानों से विस्थापित हुए लोगों की संख्या हजारों में पहुंचने के साथ ही जन स्वास्थ्य पर संकट की आशंका बढ़ती जा रही है.
डॉक्टरों ने क्या कहा
एनजीओ अक्सी केपट टंग्गप के लिए काम कर रहे चिकित्सक रिजाल अलीमिन ने कहा, 'बुखार, सिर दर्द से अनेक बच्चे पीड़ित हैं और उनके पास पीने का पर्याप्त पानी नहीं है.' उन्होंने कहा, 'हमारे पास निर्धारित से कम दवाएं हैं. शरणार्थियों के लिए यहां स्वस्थ माहौल नहीं है. पर्याप्त स्वच्छ पानी नहीं है. उन्हें भोजन चाहिए और लोगों को फर्श पर सोना पड़ रहा है.'
मौत का आंकड़ा
ताजा आंकड़ों के मुताबिक मृतकों की संख्या 373 है और 1,459 लोग घायल हुए हैं तथा 128 लोग लापता हैं. विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि फिलहाल शांत हुईं लहरें प्रभावित क्षेत्रों को फिर से नुकसान पहुंचा सकती हैं. पांच हजार से ज्यादा शरणार्थियों में से अनेक लोग दूसरी आपदा की आशंका से घर लौटने को लेकर भयभीत हैं.