
इंदौर से राजेन्द्र नगर जाने वाली इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 19321) की दुर्घटना में हताहत हुए उन यात्रियों के परिवारों तथा उन घायल यात्रियों को बीमा भुगतान की प्रक्रिया तेजी से जारी है जिन्होंने आईआरसीटीसी के जरिए अपने टिकट बुक कराए हैं. जो यात्रा बीमा योजना के तहत मुआवजे के हकदार हैं.
19 नवंबर तक इस ट्रेन के लिए बुकिंग कराने वाले कुल 209 यात्रियों ने यात्रा बीमा के विकल्प को चुना था. घटनास्थल तक पहुंचने वाले यात्रियों में से 128 यात्री बीमा के हकदार थे जिनमें से 50 टिकट रद्द कराए गए थे और इस तरह से बीमा के हकदार यात्रियों की संख्या 78 थी. प्रत्येक बीमा कंपनी के तहत कवर होने वाले यात्रियों की संख्या इस प्रकार है- रॉयल सुदंरम (32), श्रीराम (14) और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (32). इन यात्रियों में पांच की मौत इस हादसे में हो गई. इसके अलावा सात यात्रियों को चोट लगी एवं उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा आठ को मामूली चोटें आईं.
गौरतलब है कि 20 नवंबर 2016 को इंदौर से पटना के लिए रवाना हुई ट्रेन कानपुर के पास पुखरायां के पास पटरी से उतर गई जिसके कारण 149 लोगों की मौत हो गई तथा 200 से अधिक लोग घायल हो गए.
इस साल के बजट भाषण में घोषणा की गई थी कि टिकट बुक कराने के समय रेल यात्रा के लिए यात्रा बीमा की योजना शुरू की जा रही है. यह योजना 1 सितंबर से लागू की गई है. आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए टिकट बुक कराने वाले यात्रियों के लिए यह योजना वैकल्पिक है. तीन कंपनियां रायल सुंदरम्, श्रीराम जनरल तथा आईसीआईसीआई लोम्बार्ड यात्रियों को यात्रा बीमा प्रदान कर रही है.
सभी बीमा कंपनियों ने पांच यात्रियों की मौत के लिए बीमा के दावों को अनुमोदित किया है और ये बीमा दावे के निपटान की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए मृतक के परिवार के संपर्क में हैं. केवल एक यात्री ने बीमा के लिए नॉमिनी के विवरण भरे. बाकी चार यात्रियों के दावे का निपटान दस्तावेज के उपलब्ध कराने के बाद जल्द से जल्द उनके कानूनी वारिस के साथ किया जाएगा. ऐसे परिवार के लोगों ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए समय देने का अनुरोध किया है.
चोट लगने के सात मामलों में बीमा कंपनियां यात्रियों और उनके परिवार के लोगों के संपर्क में हैं. इनमें से कुछ मामले कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन या टीपीए के जरिए (थर्ड पार्टी एडमिनस्ट्रेटर) भुगतान के हैं. 36 यात्रियों के मामले में बीमा कंपनियां कोई संपर्क नहीं कर पाई है क्योंकि या तो फोन नंबर बंद हैं या फोन संपर्क नहीं हो पा रहा है. इन मामलों में इन कंपनियों ने दी गई ईमेल आईडी पर ईमेल भेजा है और ईमेल के जरिए उनकी कुशलता के बारे में पूछा है तथा बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों का सपर्क विवरण दिया गया है.