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शीना की 'पापा पहेली', जिससे सुलझ सकती है मौत की गुत्थी!

साल की सबसे बड़े मर्डर मिस्ट्री और रिश्तों की ऐसी गुत्थी जिसको सुलझाने में मुंबई पुलिस भी हांफ रही है. मुंबई से रायगढ़, रायगढ़ से कोलकाता, कोलकाता से गुवाहाटी और गुवाहाटी से शिलांग.

अब इंद्राणी का वो सबसे बड़ा राज खुल गया है, जिसपर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ था. अब इंद्राणी का वो सबसे बड़ा राज खुल गया है, जिसपर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ था.
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 01 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

साल की सबसे बड़े मर्डर मिस्ट्री और रिश्तों की ऐसी गुत्थी जिसको सुलझाने में मुंबई पुलिस भी हांफ रही है. मुंबई से रायगढ़, रायगढ़ से कोलकाता, कोलकाता से गुवाहाटी और गुवाहाटी से शिलांग. जी हां, मुंबई पुलिस पांच शहरों में शीना हत्याकांड के सबूत खोज रही है. देश में शायद ही इससे ज़्यादा उलझी हुई कोई मर्डर मिस्ट्री कोई हो, क्योंकि रिश्तों के जिस भंवर में शीना मर्डर गोते खा रहा है, उससे मुंबई पुलिस भी सन्न रह गई है.

इंद्राणी भी ना जाने कौन सी मिट्टी की बनी है, पूछताछ का पहला राउंड गुजर गया, और अब दूसरा राउंड शुरु हो चुका है. करीब 100 घंटे से ज्यादा पूछताछ करके पुलिस थक गई है, लेकिन इंद्राणी ना तो रिश्तों का वो सच बताने को तैयार है, जिसे पुलिस जानना चाहती है और ना ही 24 अप्रैल की वो सच्चाई जिस दिन शीना का मर्डर हुआ, जबकि ड्राइवर के आरोप इंद्राणी पर हैं. हत्याकांड का सूत्रधार भी उसको ही बताया जा रहा है.

हत्यारों के लिए सजा-ए-मौत की मांग
लेकिन अब इंद्राणी का वो सबसे बड़ा राज खुल गया है, जिसपर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ था. सामने आ चुका है वो शख्स जो शीना बोरा का असली पिता है, जी हां, सिद्धार्थ दास. वो जिसके नाम को लेकर अभी तक सबसे बड़ा सस्पेंस बना हुआ था. अब वही इंद्राणी का लिव-इन-पार्टनर और शीना का पिता उसके हत्यारों के लिए सजा-ए-मौत मांग रहा है. शीना और मिखाइल को अपना बच्चा बता रहा है.

डीएनए टेस्ट के लिए भी तैयार है पिता
सिद्धार्थ दास ने ये कबूल किया है कि शीना और मिखाइल दोनों उसके ही बच्चे हैं, हालांकि उसने खुलासा ये भी किया कि उसकी और इंद्राणी की शादी कभी नहीं हुई थी, वो उसके लिव इन पार्टनर थे. सिर्फ इतना ही नहीं सिद्धार्थ दास ने ये दावा भी किया कि शीना और मिखाइल का पिता साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट के लिए भी तैयार हैं.

छोड़ गई अतीत का कड़वा सच
इंद्राणी के लिए उसके सपने बड़े थे. उसकी ख्वाहिशें बड़ी थीं. वो भविष्य के सुनहरे ख्वाबों की उस डोर को पकड़ना चाहती थी. इसमें रोमांच हो. पैसा हो और ज़िंदगी की रंगीनियों का पागलपन. सारी हसरतों को पाकर, वो परी से इंद्राणी तो बन गई. लेकिन अपने अतीत का कड़वा सच भी छोड़ गई. बचपन में जिस इंद्राणी को परी कहकर बुलाया जाता था. आज वह अपनी बेटी के कत्ल के इल्ज़ाम में सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है.

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