
कहते हैं कि पुलिस कस्टडी में अच्छे-अच्छे घाघ मुजरिमों की भी हवा खराब हो जाती है. मगर अपनी ही बेटी के कत्ल के आरोप में पकड़ी गई इंद्राणी मुखर्जी को 14 दिनों की पुलिस हिरासत भी नहीं तोड़ पाई. 25 अगस्त से लेकर 7 सितंबर तक इंद्राणी बस यही कहती रही कि उसने शीना का कत्ल नहीं किया है.
कानून में पुलिस कस्टडी की मियाद 14 दिन ही होती है. और सोमवार को ये 14 दिन पूरे हो गए. लिहाजा अदालत ने अब इंद्राणी और ड्राइवर श्यावर राय को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. संजीव खन्ना का फैसला मंगलवार को होगा. इंद्राणी ने 14 दिन पुलिस हिरासत में काट दिए. इन 14 दनों में पुलिस ने अपनी तमाम कोशिशें कर ली. यहां तक कि पहली बार इसी खार पुलिस स्टेशन में वो मौका भी आया जब इंद्राणी के तीनों पति एक साथ, एक वक्त में एक ही छत के नीचे मौजूद रहे. पर फिर भी वो टस से मस नहीं हुई.
पूछताछ से जुड़े एक आला पुलिस अफसर के मुताबिक उन्हें अंदाजा नहीं था कि इंद्राणी पुलिस को इतनी देर तक घुमा या उलझा सकती है. लगा था एक-दो दिन में वो टूट जाएगी. मगर ऐसा नहीं हुआ. वो बहुत ही सख्त और मजबूत निकली. इस अफसर के मुताबिक जब उन्हें अंदाजा हो गया कि वो आसानी से टूटने वाली नहीं तो पुलिस ने उससे पूछताछ का तरीका तक बदल दिया। उससे लंबी-लंबी बातें की जाने लगीं। ताकि उऩ बातों से ही उसकी वो गलतियां पकड़ी जा सकें जो वो छुपा रही है.