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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है. इंदु मल्होत्रा ऐसी प्रथम महिला वकील होंगी, जिनकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति होगी.
कॉलेजियम ने मल्होत्रा के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ के नाम की पदोन्नति के लिए सिफारिश की है.
न्यायमूर्ति जोसेफ उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को रद्द कर दिया था.
इंदु मल्होत्रा 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित की गई थी. किसी उच्च न्यायालय की न्यायाधीश से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होने की बजाय, शीर्ष अदालत में सीधे तौर पर न्यायाधीश नियुक्त होने वाली वह प्रथम महिला वकील होंगी.
हालांकि, देश की आजादी के बाद उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने वाली वह सातवीं महिला होंगी.
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय में नियुक्त होने वाली प्रथम महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी थी. वह 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त हुई थी.
न्यायमूर्ति बीवी के बाद न्यायमूर्ति सुजाता वी मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति आर भानुमति शीर्ष अदालत की न्यायाधीश नियुक्त हो चुकी हैं.
क्या है कॉलेजियम?
सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम के द्वारा की जाती है. इसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश करते हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट के 5 वरिष्ठ न्यायाधीश जजों के नाम सुझाते हैं और इन्हीं नामों में से जजों का चुनाव होता है.