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लंदन लोन वुल्फ अटैक: हमलावर का पता लगाने यूं हरकत में आईं दुनिया भर की एजेंसियां

ब्रिटेन की संसद के पास हुए आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत के बाद से राजधानी लंदन में लोग सहमे हुए हैं. पुलिस का कहना है कि यह लोन वुल्फ अटैक था. इस हमले के तुरंत बाद दुनिया भर की आतंक रोधी इकाइयां इस आतंकी की पहचान और हमले की कड़ियां जोड़ने में जुट गईं.

ब्रिटिश संसद के पास हुए हमले में एक पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों की मौत हो गई ब्रिटिश संसद के पास हुए हमले में एक पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों की मौत हो गई
साद बिन उमर
  • लंदन,
  • 23 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

ब्रिटेन की संसद के पास हुए आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत के बाद से राजधानी लंदन में लोग सहमे हुए हैं. पुलिस का कहना है कि यह लोन वुल्फ (अकेले हमलावर का) अटैक था. इस हमले के तुरंत बाद दुनिया भर की आतंक रोधी इकाइयां इस आतंकी की पहचान और हमले की कड़ियां जोड़ने में जुट गईं.

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इस हमले की साजिश में शामिल दूसरे आतंकियों का पता लगाने के लिए MI6 ने अमेरिका और यूरोप की खुफिया एजेंसियों से संपर्क साधा. हमले के वक्त संसद की कार्यवाही चल रही थी. ऐसे में किसी अन्य हमलावर की आशंका को देखते हुए ब्रिटिश स्पेशल फोर्सेज़ की एक टीम संसद के निचले सदन हाउस ऑफ में पहुंच गई. यहां स्कॉटलैंड यार्ड का एक दस्ता प्रधानमंत्री टेरेसा मे को सुरक्षित निकलने में जुट गया.

(पढ़ें- जेल में बंद शख्स को बता दिया लंदन हमले का जिम्मेदार!)

इस हमले के चंद मिनटों के अंदर ही रॉयल एयरफोर्स ने चिनूक हेलीकॉप्टर भी हैम्पसायर में तैयार कर रखा था. इस हेलीकॉप्टर का काम राजधानी में कोई दूसरे हमला होने की हालात में प्रधानमंत्री को सुरक्षित लंदन से बाहर ले जाना था.

वहीं 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री आवास में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने सारी सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क साधा. इस अलावा अतिरिक्त सुरक्षा दस्ते को स्टैंडबाई पर रखा गया. उनके लिए एक खास कोडवर्ड बनाया गया, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में वह तुरंत हरकत में आकर आतंकी हमले को नाकाम कर सकें.

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इसके साथ ही आतंकी सुरक्षा एजेंसी MI5 ने हमलावर की पहचान और उसके बारे अन्य जानकारियां जुटाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम आतंक रोधी कमांड सेंटर के लिए रवाना किया. इस तरह के हमले की आतंकी सरगना खूब जोर-शोर प्रचार करते हैं, ऐसे में उस वक्त इस आतंकी हमले की कड़ियां जोड़ने थोड़ा आसान रहता है. इसी को देखते हुए खुफिया अधिकारियों मोबाइल फोन, ई-मेल्स और इंटरनेट ऐप की निगरानी शुरू कर दी.

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबादी होगी, लेकिन यह एक लोन वुल्फ अटैक था. हालांकि इस हमलावर की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है.

खुफिया अधिकारियों ने पूरे देश में अलर्ट घोषित कर रखा है और यह पता लगाने में जुटी है कि इस हमलावर का किन दूसरे लोगों से लिंक था. इसके साथ उसके परिवार और दूसरे जानकारों पर भी पुलिस की नजर है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी दिखने पर उन्हें लिया जा सके.

बता दें कि बुधवार को लंदन में दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर एक हमलावर ने संसद के पास टेम्स नदी पर बने पुल वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर तेज़ी से कार दौड़ा दी. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए.

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इसके बाद यह कार संसद के बार की रेलिंग से जा भिड़ी. हाथ में चाकू लिए हमलावर बाहर निकला और संसद परिसर में घुसने की कोशिश की. पुलिस ने उसे रोका. एक पुलिसकर्मी को उसने चाकू मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद दूसरे हथियारबंद पुलिसकर्मियों ने हमलावर को गोली मार दी.

वहीं एक पूर्व MI5 अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहते हैं, 'यह एक दुखद घटना थी कि जो खुफिया एजेंसियों की खामी को उजागर करती है. लेकिन सुरक्षा दस्तों की मुस्तैदी की वजह से इस हमले में ज्यादा लोग हताहत नहीं हुए.'

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