
समाजवादी पार्टी की आंतरिक कलह के बीच अखिलेश यादव ने आज लखनऊ में मुलायम सिंह के घर जाकर उनसे मुलाकात की है. करीब दो घंटे तक चली बैठक में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पेंच फंसा रहा. सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि बैठक में क्या-क्या बातचीत हुई.
- सुलह के तीन सूत्री फॉर्मूले पर दोनों नेताओं की बीच बात हुई.
- मुलायम सिंह ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई.
- अखिलेश यादव ने कम से कम तीन महीने तक अध्यक्ष पद अपने पास बने रहने की मांग की. उन्हें डर है कि अगर मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया तो अमर सिंह और शिवपाल यादव दोबारा उनकी ताकत कम कर देंगे.
- मुलायम सिंह ने अखिलेश को सभी शक्तियां देने की बात कही लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मांगा.
- मुलायम सिंह ने अखिलेश को भरोसा दिलाया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वो ही अगले मुख्यमंत्री होंगे.
- नेताजी ने अखिलेश को टिकट बांटने में पूरा अधिकार देने की बात कही.
- दोनों नेताओं की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में 200 प्रत्याशी कॉमन हैं बस 30-40 सीटों पर ही लड़ाई है. ऐसे में अखिलेश को कहा गया कि बाकी बचे उम्मीदवारों के चयन का अधिकार भी उन्हें दिया जाएगा.
- मुलायम सिंह रामगोपाल यादव को किसी भी कीमत पर कोई पद देने को तैयार नहीं हैं. फिलहाल अखिलेश गुट की ओर से रामगोपाल पार्टी के महासचिव हैं वहीं मुलायम गुट ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है.
- मुलायम चाहतें हैं कि अगर सभी मुद्दों पर सहमति हो तो अखिलेश यादव चुनाव आयोग में साइकिल पर किया अपना दावा वापस लें.
- जमीनी हालात ये बतातें हैं कि मुलायम को डर है कि अगर साइकिल का निशान चला जाता गया तो न केवल मुलायम सिंह का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ जाएगा बल्कि इससे समाजवादी पार्टी को भी बड़ा नुकसान होगा.
- ये समझ मे आ जा चुका है कि परिवार की इस कलह के पीछे दो 'खलनायक' हैं.
- सुलह-समझौता कराने में भी दो लोगों की अहम भूमिका है. इनमें राज्यसभा सांसद संजय सेठ और यूपी सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति शामिल हैं. इन्हीं दोनों की वजह से इतनी लंबी बैठक मुमकिन हो सकी.
- चुनाव आयोग अब 13 जनवरी को साइकिल चुनाव चिन्ह पर फैसला करेगा.
- अगर सुलह का ये फॉर्मूला कारगर रहा तो अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव साझा प्रेस कॉफ्रेंस कर सकते हैं.