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दीपिका-करीना की स्टंट वुमन, असल जिंदगी में भी है हीरो

इतना सब कुछ सहने के बाद भी गीता टूटी नहीं. उन्होंने खुद से ही ये वादा कर रखा था कि जब तक मरने वाली हालत न हो जाए वो वेश्यावृत्ति के दलदल में नहीं कूदेंगी और फिर एक दिन...

गीता टंडन गीता टंडन
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2016,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

शादी के बाद एक खुशहाल जिंदगी बिताने के सपने उसकी आंखों में भी थे. किसी भी आम लड़की की तरह वो भी यही सोचती थी कि अब सिर्फ घर संभालना है और सुख से रहना है लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

गीता टंडन बॉलीवुड की सबसे कामयाब स्टंट-वि‍मेन में से एक हैं. 'चेन्नई एक्सप्रेस' में दीपिका पादुकोण और 'सिंघम' में करीना कपूर खान के लिए स्टंट कर चुकीं गीता, रि‍यल लाइफ में भी किसी हीरो से कम नहीं हैं. एक सामान्य से परिवार में जन्मीं गीता की शादी 15 साल की उम्र में ही हो गई थी. वो एक आदर्श बीवी बनने के लिए भी तैयार थीं लेकिन शादी उनके लिए अपमान का घूंट बनकर रह गई.

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हर दिन शाम ढलते ही वो सहम जातीं. इंतजार करतीं कि रात खत्म कब होगी. हर रात उनका पति शराब पीकर आता और मारता... गीता ने सोचा बच्चा हो जाएगा तो हालात बदल जाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उनका पति रोज उन्हें मारता, उनके बाल खींचता, दांतों से काटता और घर के दूसरे सदस्य, सभी दूर खड़े होकर तमाशा देखते.

एक दिन तो खुद उनकी सास ने अपने बेटे से कहा कि इसके कपड़े फाड़कर इसका रेप कर दो, अक्ल ठिकाने आ जाएगी. फिर एक दिन उन्होंने घर छोड़ दिया.

पति हाथ में तलवार लेकर उनका पीछा कर रहा था और वो एक बच्चे को गोद में लिए और एक का हाथ पकड़कर भागी जा रही थीं. इसके बाद वो अपनी बहन के घर पहुंचीं लेकिन वहां से भी जाना पड़ा. चार दिन गुरूद्वारे में बिताए. कुछ ऐसी जगहों से भी सामना हुआ जहां घंटों के हिसाब से शरीर की बोली लगाई जाती थी.

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इतना सबकुछ सहने के बाद भी गीता टूटी नहीं. उन्होंने खुद से ही ये वादा कर रखा था कि जब तक मरने वाली हालत न हो जाए वो वेश्यावृत्ति के दलदल में नहीं कूदेंगी और फिर एक दिन...

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