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वो आम चेहरे, दुनिया ने माना जिनकी हिम्मत का लोहा

जानिए ऐसी ही उन शख्सियतों के बारे में जो कल तक आम थे लेकिन उनकी हिम्मत के कारण आज पूरी दुनिया उन्हें सलाम करती है

Sonam kapoor - Neerja Bhanot Sonam kapoor - Neerja Bhanot

अमेरिका में दो साधारण बाइक सवार युवाओं की दिलेरी और समझदारी की बदौलत स्टैनफोर्ड कैंपस में एक बड़ा हादसा होने से रुक गया. कुछ ऐसा ही थी एयरहोस्टेज नीरजा भनोट जिसकी हिम्मत की बदौलत हादसा टल गया और सैकड़ों लोगों की जान बच गई. जानिए ऐसी ही उन शख्सियतों के बारे में जो कल तक आम थे लेकिन उनकी हिम्मत के कारण आज पूरी दुनिया उन्हें सलाम करती है.


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सतपाल, पंजाब
27 जुलाई 2015 के दिन पंजाब के दिनानगर शहर की सुबह आतंकी हमले के साथ हुई. सीमापार करके आए तीन आतंकियों ने शहर पर हमला कर द‌िया. ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकियों ने पठानकोट-अमृतसर रेलवे ट्रैक पर एक छोटे से पुल पर पांच बम लगा दिए थे. लेकिन रेलवे कर्मचारी सतपाल सिंह सहित दूसरे लोगों की सतर्कता के चलते एक बड़े हादसे को टाल दिया गया. क्योंकि सतपाल सिंह ने एक रेलगाड़ी गुजरने के ठीक पांच मिनट पहले उन बमों का पता लगाया और रेलवे प्रशासन को जानकारी दी. सरकार ने इस साहसिक कार्य के लिए सभी कर्मचारियों को सम्मानित किया.

सेबस्टियन, फ्रांस
नवंबर 2015 में पेरिस अटैक के दौरान घटी एक घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. हमले के दौरान एक गर्भवती महिला बैटेक्लास म्यूज़िक हॉल की बालकनी में फंसी थी और ISIS के हमलावर उसके आस-पास मौजूद थे. अपनी जान की परवाह किए बगैर वहां मौजूद सेबस्टियन ने जांबाजी दिखाते हुए, उस महिला की जान बचाई. सबेस्टियन ने महिला की जान उस वक्त बचाई, जब वो खुद आत्मघात‌ी हमलावरों से अलग सुरक्षित जगह पर मौजूद था.

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गुंजन शर्मा , असम
असम के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली गुंजन शर्मा ने महज़ 15 साल की उम्र में वो कारनामा कर दिखाया था, जो बड़े-बड़े नहीं कर सकते हैं. दिसंबर 2013 में एक अज्ञात बंदूकधारी ने गुंजन शर्मा सहित 11 स्कूली बच्चों को पकड़ लिया. साथियों की जान बचाने के लिए गुंजन ने खुद को बंदूकधारी के हवाले कर दिया और दूसरे बच्चों को रिहा करवा दिया. बाद में पुलिस की कार्रवाई में गुंजन स‌ुरक्षित बच गई और बंदूकधारी गिरफ्तार हो गया.

मितुल शाह, केन्या
राजधानी नैरोबी में दिसंबर 2013 में वेस्टगेट मॉल आतंकी हमले के दौरान मितुल ने वो कर दिखाया, जो कोई सोच भी नहीं सकता. हमले से पहले मॉल में एक कुकिंग कम्पटीशन चल रहा था और 33 बच्चे उसमें भाग ले रहे थे. हमलावरों ने 33 बच्चों सहित कई लोगों को बंधक बना लिया. दूसरों की जान बचाने के लिए मितुल ने खुद को हमलावरों की हवाले कर दिया और बच्चों को छोड़ देने को कहा. उनकी कोशिश रंग लाई और कई बच्चे सुरक्षित बच गए लेकिन मितुल को अपनी जान गंवानी पड़ी.

ऐतजाज़ हसन, पाकिस्तान
ऐतजाज़ बेशक पढ़ाई में औसत था लेकिन पूरे पाकिस्तान सहित दुनिया की नज़र में आज वो हीरो है. 7 जनवरी 2014 के दिन रोज़ाना की तरह वो स्कूल गया था और वहां उसने देखा कि कुछ संदिग्ध लोग स्कूल की तरफ आ रहे हैं. आतंकी जबतक स्कूल में घुसते ऐतजाज़ ने उन पर पत्थर बरसा दिए. इसके बाद ऐतजाज़ उनकी ओर भागा और आतंकी को दबोच लिया, इसके बाद आतंकी ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. ऐतजाज़ के जज़्बे की बदौलत स्कूल में पढ़ने वाले 2000 बच्चों की जान बच गई.

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ऐडल टर्मोज़, लेबनान
बेरूत ने साल 2015 में इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला देखा. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा घटा कि जो दुनिया के लिए मिसाल बना. हमले के वक्त 32 साल के ऐडल टर्मोज़ भी वहां मौजूद थे और उन्होंने देखा कि एक आतंकी विस्फोटकों के साथ भीड़ की ओर बढ़ रहा है. बिना वक्त गंवाए ऐडल ने आतंकी को दबोच लिया और इस दौरान हुए विस्फोट में आतंकी के साथ वो भी मारे गए.

मोनिका केन्यॉन, अमेरिका
अमेरिका में रहने वाली तीन दोस्त अपनी सूझबूझ की बदौलत इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रही हैं. मोनिका और उसकी दो दोस्त सोनिया अल‌रिच और मार्ला साल्टज़र ‌इसी साल मई में एक रेस्टोरेंट डिनर के लिए गए. तभी उन्होंने गौर किया कि बगल में बैठा एक शख्स उसके साथ डेट पर आई एक लड़की की ‌ड्रिंक में कुछ मिला रहा है. उन्हें शक हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी होटल के मैनेजर को दी और होटल मालिक ने पुलिस को इसकी सूचना दी. तीनों दोस्तों की समझदारी ने एक हादसे होने से रोक लिया.

सौजन्‍य: NEWSFLICKS

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