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Budget 2019: किसान से लेकर मिडिल क्लास तक, यहां जानें किसे क्या मिला

Interim budget 2019 मोदी सरकार ने अपने बजट में किसानों को भी खुश करने हर कोशिश की. सरकार ने 75 हजार करोड़ का बजट किसान सम्मान निधि के नाम पर तय कर दिया है. इसके तहत छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए सीधे उनके खाते में डाले जाएंगे.

पीयूष गोयल और पीएम मोदी(फाइल फोटो) पीयूष गोयल और पीएम मोदी(फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

चुनावी साल में मोदी सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश किया. कहने को तो बजट अंतरिम है, लेकिन मोदी सरकार ने लुभावनी सौगातों की झड़ी लगा दी. अरुण जेटली की गैर मौजूदगी में पीयूष गोयल ने अपना पहला बजट पेश किया, लेकिन उनके हर ऐलान में पीएम मोदी की हसरत की गूंज सुनाई दी. किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, कारोबारी हर तबके को भरपूर भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार ने उनकी जेब में कुछ न कुछ डाला ही है. अब जानते है कि इस बजट से मोदी सरकार ने कैसे हर वर्ग को साधने की कोशिश की.

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सबसे बड़ा ऐलान आयकर की सीमा को लेकर हुआ. अभी तक सालाना 2.5 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे सीधे दोगुना यानी 5 लाख कर दिया है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई. टैक्स छूट की सीमा आखिरी बार 2014 में बढ़ाकर 2.5 लाख की गई थी. 5 साल बाद चुनाव से ऐन पहले इसे दोगुना करके मोदी सरकार ने बड़ा ट्रंप कार्ड खेला है.  बजट में सरकार की ओर से कर्मचारियों को तोहफा देते हुए ग्रेच्युटी लिमिट को डबल करने का भी ऐलान किया गया है. पहले यह लिमिट 10 लाख की थी जो अब 20 लाख रुपए हो गई है.

किसानों के लिए क्या रहा...

मोदी सरकार ने अपने बजट में किसानों को भी खुश करने हर कोशिश की. सरकार ने 75 हजार करोड़ का बजट किसान सम्मान निधि के नाम पर तय कर दिया है. इसके तहत छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए सीधे उनके खाते में डाले जाएंगे. किसानों को सालभर में दो- दो हजार रूपए की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपए उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे.

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मोदी सरकार की इस योजना के दायरे में करीब 12 करोड़ किसान परिवार आएंगे. माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी के नतीजे के तौर पर तीन राज्यों में मिली हार का सबक लेते हुए सरकार ने ये दांव खेला है.

श्रमिकों को भी मिली बड़ी राहत

मोदी सरकार के चुनावी बजट में मिडिल क्लास, किसानों के अलावा श्रमिकों को भी खास जगह मिली. संगठित  क्षेत्र में काम करने वाले और महीने में 21 हजार रुपए कमाने वाले लोगों को 7 हजार रुपए सालाना बोनस दिया जाएगा. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र वाले मजदूरों को हर महीने 3000 रुपए की पेंशन दी जाएगी. 10 करोड़ मजदूर इस पेंशन योजना के तहत आएंगे. इसके अलावा श्रमिकों की मौत पर मुआवजा बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया है.

घर खरीदने वालों को भी राहत

बजट में घर खरीदनों वालों को जीएसटी में राहत देने का भी ऐलान किया गया है. 2.40 लाख रुपए तक मकान किराए पर टीडीएस खत्म कर दिया गया है.

गाय पालन

मोदी  सरकार ने गाय पालन को बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाया. सरकार के बजट में गाय को भी जगह मिली है. गाय के  लिए 750 करोड़ के बजट का ऐलान किया गया है. सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान किया है.  इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है.

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गांव को डिजिटल

गांव को विकास के साथ जोड़ने पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना को विशेष महत्व दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाए जाने का लक्ष्य रखा है.

महिलाओं के लिए बजट में क्या रहा

मोदी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में काम करना शुरू कर द‍िया है. सरकार ने स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा है. इसमें से 6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए मातृवंदना योजना लागू की गई.

रक्षा और रेलवे को क्या मिला...

मोदी सरकार के इस बजट में डिफेंस सेक्टर को भी खास जगह मिली. अंतरिम बजट में डिफेंस सेक्‍टर पर फोकस किया गया है. डिफेंस सेक्‍टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया है. अंतरिम बजट पेश करते हुए कार्यवाहक वित्‍त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे सैनिक कठिन हालात में देश की रक्षा करते हैं. सरकार सैनिकों के हित का ध्‍यान रखती है. उन्‍होंने कहा कि  वन रैंक, वन पेंशन के तहत सरकार ने रिटायर्ड सैनिकों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए हैं. सैनिकों की यह मांग 40 साल से लंबित पड़ी थी. अंतरिम बजट में भारतीय रेलवे को 1.58 लाख करोड़ का बजट दिया गया है.

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