
"बतौर एंटरटेनर और ऐक्ट्रेस, मैं हमेशा नई चुनौतियों की तलाश में रहती हूं ताकि मैं अपनी क्रिएटिविटी और टैलेंट की सीमाओं को और आगे तक ले जा सकूं. क्वांटिको मेरे लिए एकदम नया एक्सपीरियंस है और ऐसी चीज है जिसका मुझे लंबे समय से इंतजार था.” बॉलीवुड में मैरी कॉम जैसा सॉलिड रोल कर चुकी प्रियंका चोपड़ा का एबीसी नेटवर्क्स के अमेरिकी टीवी शो क्वांटिको को लेकर कुछ ऐसा कहना है. वे इस सीरीज में लीड रोल में हैं और सीक्रेट एजेंट का किरदार निभा रही हैं. यह पहला मौका है जब कोई भारतीय ऐक्ट्रेस किसी प्राइम टाइम सीरियल में लीड रोल में है. मजेदार यह कि क्वांटिको का ट्रेलर लॉन्च होने के बारह घंटे के अंदर ही इसे 10 लाख से ज्यादा लोग देख चुके थे. प्रियंका ने एबीसी टेलीविजन स्टूडियोज के साथ टैलेंट डेवलपमेंट डील भी साइन की है. अपने इस रोल के लिए उन्होंने जमकर मेहनत की है और अपने उच्चारण पर भी काम किया है.
भारतीय कलाकारों की विदेशों में बढ़ती लोकप्रियता और सोशल मीडिया तथा भारतीय फिल्मों के माध्यम से विदेशों में उनकी मौजूदगी को अब हॉलीवुड और विदेशी टेलीविजन भी कैश कराना चाहते हैं तभी तो पिछले कुछ समय से हॉलीवुड के साथ ही अमेरिकी और ब्रिटिश टेलीविजन पर भारतीय ऐक्टर्स की तादाद बढ़ रही है. अब वे एक-दो मिनट के रोल करने के लिए नहीं आ रहे हैं, बल्कि उनके रोल इतने अहम हैं कि वे फिल्मों के पोस्टरों तक में दिखने लगे हैं. लीड होने की वजह से प्रियंका 'क्वांटिको' के पोस्टर में हैं तो नरगिस फखरी भी स्पाइ के पोस्टर में नजर आ रही हैं. ऐसा ही इरफान खान के साथ भी है. वे जुरासिक वर्ल्ड के पोस्टर में हैं. हालांकि इससे पहले अमिताभ बच्चन (द ग्रेट गट्सबाय) और ऐश्वर्या राय (पिंक पैंथर-2) जैसे सितारे ही पोस्टर में नजर आया करते थे.
इस बात को यूं भी समझा जा सकता है कि हॉलीवुड के पसंदीदा इरफान की जुरासिक वर्ल्ड रिलीज हो रही है, और वे भारत में होने वाले इसके प्रीमियर तक में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. वजहः वे इन दिनों बुडापेस्ट में टॉम हैंक्स के साथ इनफर्नो की शूटिंग में व्यस्त हैं. हॉलीवुड में इरफान लंबे समय से बॉलीवुड का प्रतिनिधित्व करते आए हैं. वे द माइटी हार्ट, द नेमसेक, स्लमडॉग मिल्यनेर, द अमेजिंग स्पाइडरमैन, और द लाइफ ऑफ पाइ जैसी फिल्में कर चुके हैं. जुरासिक वर्ल्ड में वे जुरासिक वर्ल्ड के मालिक साइमन मसरानी के किरदार में हैं.
एक समय था कि हॉलीवुड में अमरीश पुरी, ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह जैसे ऑफबीट ऐक्टर ही फिल्मों में यदा-कदा नजर आ जाते थे. अक्सर ये ऐसे रोल होते थे जो भारतीय पुरातनता या दक्षिण एशियाई लोगों से जुड़े होते थे. ऐसा ही हश्र अनिल कपूर का मिशन इम्पॉसिबलः गोस्ट प्रोटोकॉल (2011) में होता नजर आया, जिसमें उन्हें अय्याश रईस के रोल में दिखाया गया था, और जिसे झापड़ खाना पड़ता है. अमेजिंग स्पाइडरमैन (2012) में इरफान के बड़े रोल की बात थी जबकि फिल्म आने पर वे कुछ पल के लिए दिखे और वह रोल भी नाममात्र को था. इन दोनों रोल को लेकर इरफान और अनिल का सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी मजाक भी बना था. लेकिन हिंदी सिनेमा जगत की इस नई पीढ़ी ने पुरानी रूढ़ियों को ध्वस्त करने का काम किया है. क्वांटिको में प्रियंका चोपड़ा अमेरिकी नागरिक के किरदार में हैं. प्रियंका ने भी इस बात को माना है कि हॉलीवुड या विदेशी चैनलों में भारतीयों को लेकर सोच बदल रही है.
हालांकि कुछ दिन पहले प्रियंका ने यह बात बताई थी कि अमेरिका में एजुकेशन के दौरान उन्हें रंगभेद झेलना पड़ा था. अब वे मानती हैं कि क्वांटिको की वजह से भारतीयों की रूढ़ पहचान को तोड़ने में मदद मिलेगी और उन्हें पश्चिम के लोग गंभीरता से लेना शुरू कर सकेंगे. कहा जाता है कि प्रियंका ने इस रोल को इसी शर्त पर हां कहा था कि मेरे मूल को नहीं बल्कि उन्हें ऐक्टर होने की वजह से इसमें लिया जाए. वे क्वांटिको में एफबीआइ एजेंट एलेक्स पैरिश के रोल में हैं. इससे पहले वे अपने दो इंटरनेशनल सिंगल्स की वजह से भी विदेशों में भारतीय टैलेंट का लोहा मनवा चुकी हैं.
नरगिस फखरी भी हॉलीवुड में फिल्म कर रही हैं और स्पाइ में उनका अहम किरदार है. वे जूड लॉ और मेलिसा मैककार्थी जैसे सितारों के साथ रेड कारपेट पर भी नजर आईं. फिल्म में वे ऐक्शन सीन भी कर रही हैं और उन्होंने अपने सारे ऐक्शन सीन बिना बॉडी डबल के किए हैं. इस दौड़ में जैक्लीन फर्नांडिस भी अपनी जगह बना चुकी हैं, हालांकि उनकी फिल्म हॉलीवुड की नहीं है. वे ब्रिटिश हॉरर फिल्म डेफिनेशन ऑफ फियर में काम कर रही हैं. यह कम बजट हॉरर फिल्म है.
हॉलीवुड में सबके अनुभव अलग-अलग हैं. बिपाशा बसु को द लवर्स में काम करने का मौका मिला, लेकिन फिल्म चल नहीं सकी. वे मराठा राजकुमारी के किरदार में थीं. वहीं अली फजल फास्ट ऐंड क्यूरियस-7 में छोटे से किरदार में नजर आए थे. लेकिन उनके इस रोल को काफी सराहा गया था.
प्रियंका के अलावा भी ऐसे सितारे हैं जो अमेरिकी और ब्रिटिश टीवी पर अपना रंग जमा रहे हैं. टीना देसाई अमेरिकी ड्रामा सीरीज सेंस8 में अनुपम खेर के साथ नजर आएंगी. टीना बताती हैं, “यह आठ ऐसे अलग-अलग लोगों की कहानी है जो एक घटना की वजह से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं. इसमें मैं लीड में हूं और कई तरह के शेड्स इस कैरेक्टर में हैं.” यह 12 पार्ट की सीरीज है. टीना इससे पहले हॉलीवुड फिल्म द सेकंड बेस्ट एग्जॉटिक मैरीगोल्ड होटल में भी काम कर चुकी हैं. उनके मुताबिक, इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़ना हर मायने में बेहतर अनुभव होता है. उनके अलावा, कुछ समय पहले ही निमरत कौर होमलैंड में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की एजेंट के तौर पर नजर आ चुकी हैं. लिलेट दुबे ब्रिटिश ड्रामा सीरीज इंडियन समर्स का हिस्सा हैं जबकि अनिल कपूर ने एडल्ट एनिमेशन शो फैमिली गाइ के लिए डब किया है. उधर, शबाना आजमी बीबीसी वन चैनल की ड्रामा सीरीज कैपिटल में काम कर रही हैं.
क्यों और कैसे बदला सीन
इस रुझान को देखने का सबका अलग-अलग नजरिया है. कुछ लोग विदेशों में भारतीयों की बढ़ती संख्या को इसकी वजह मानते हैं. एक फिल्म विश्लेषक कहते हैं, “पिछले दस साल में विदेशों में युवा भारतीयों की संख्या में इजाफा हुआ है. आप इसे यूं समझेः जिस तरह एक समय अमेरिकी फिल्मों में अश्वेत कैरेक्टर जरूर हुआ करता था, वैसा ही भारतीयों को लेकर भी ट्रेंड है. यह अभी एक शुरुआत है.” हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो इसे भारत के बड़े फिल्म बाजार में कदम जमाने की विदेशी इंडस्ट्री की कोशिश भी बता रहे हैं. ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन कहते हैं, “मिशन इम्पॉसिबल और द अमेजिंग स्पाइडरमैन में अनिल और इरफान के रोल नाममात्र के थे, पर फिल्मों को भारत में हाइप मिली और इसका फायदा हुआ. हालांकि सचाई फिल्म देखने के लिए बाद पता चली.” तभी तो सिर्फ बड़े सितारे ही इस तरह के प्रोजेक्ट का हिस्सा बन पाते हैं.
बॉलीवुड के सितारे अपना महत्व समझ रहे हैं और वे अपनी शर्तों पर काम कर रहे हैं. जैसे प्रियंका ने कहा था कि उन्होंने इसलिए टीवी शो के लिए हां कही थी क्योंकि “नेटवर्क मुझे ध्यान में रखकर कंटेंट डेवलप कर रहा था.” दीपिका फास्ट ऐंड क्यूरियस-7 में रोल को न कह चुकी हैं. यह बदलता सीन है और भारत ने दस्तक देनी शुरू कर दी है.