
भारत में गोमांस और गाय की तस्करी पर पूरी तरह बैन है. लेकिन क्या इस कानून का पालन हो रहा है? इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए आजतक की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम अपने खुफिया कैमरों के साथ असम पहुंची. इसके बाद इंटरनेशनल गाय तस्करी की परतें खुद-ब-खुद खुलती चली गईं. ऑपरेशन गैंग्स ऑफ गोरक्षक के जरिए आजतक ने फर्जी गोरक्षकों को बेनकाब किया था, जो गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं. इसी दौरान हमें गाय के इंटरनेशनल गोरखधंधे के बारे में पता चला था.
हमें पता चला कि गोमांस की सबसे बड़ी मांग वाला देश बांग्लादेश है. बांग्लादेश में भारतीय गायों की मुंह मांगी कीमत मिलती है. आजतक की रिसर्च टीम ने गहन शोध करके भारत से बांग्लादेश तक गायों की इंटरनेशनल तस्करी के जो आंकड़े जुटाए, जो बेहद चौंकाने वाले थे. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ के मुताबिक भारत से हर साल करीब साढ़े तीन लाख गायों को चोरी छिपे बांग्लादेश सीमा पार करवाकर बेचा जाता है. तस्करी का सालाना कारोबार 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है.
गृहमंत्रालय के मुताबिक साल 2014 और 2015 के दौरान बीएसएफ ने 34 गाय तस्करों को मुठभेड़ में मार गिराया, बांग्लादेश के बॉर्डर एरिया से तस्करी करने के लिए ले जाईं जा रहीं 200 से 250 गायों को बीएसएफ रोजाना बरामद करती है. हमें पता चला कि असम गाय तस्करी का हॉट स्पॉट है. यहां से बांग्लादेश की करीब 263 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. यही बॉर्डर असम से गायों को बांग्लादेश पहुंचाने का रूट बनता है. आज तक की टीम असम पहुंची तो गौ सौदागर खुफिया कैमरों में रिकॉर्ड होते चले गए.
आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर ने गाय तस्करी के इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए असम का सफर किया. असम की लंका और शिवसागर कैटल मार्केट से रोज़ाना गाएं नावों में ठूसकर ले जाई जाती हैं. इन गायों को इंटरनेशनल बॉर्डर पार करवाकर बांग्लादेश के गाय तस्करों को बेच दिया जाता है.. इन गाय तस्करों के लिए कुछ भी गलत नहीं है. कुछ भी गैरकानूनी नहीं है. इनके लिए तो बस पैसा ही सबकुछ है. यहां पशु मंडियों में एक गाय की औसत कीमत 55 हजार रुपये तक होती है.
असम बॉर्डर पार करवाते ही बांग्लादेश में गाय की कीमत 1 लाख रुपये तक हो जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश में गोमांस की काफी डिमांड है. इसी बात का मुनाफा गोतस्कर उठाते हैं. आज तक की टीम पता लगाते हुए असम के लंका में पशु मंडी के जाने पहचाने नाम और कुख्यात गाय तस्कर आफताब तक पहुंच गई. वह आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर से गाय की इंटरनेशनल तस्करी का ठेका लेने को तैयार हो गया. हमारे रिपोर्टर ने उससे बातचीत की तो कई खुलासे हुए, जिसे सुनकर सन्न रह जाएंगे.
गाय का इंटरनेशनल गोरखधंधा
रिपोर्टर- माल तो सारा इधर है. बंग्लादेश...बड़ा बड़ा.
आफताब- ये तो सब जाएगा, ये तो आसाम का है, लेकिन जाएगा सब बंग्लादेश.
रिपोर्टर- कोई हो आपकी नजर में हो...उधर का...ग्वालपाड़ा कोई हो.
आफताब- आदमी है.
रिपोर्टर- पार करा देगा माल.
आफताब- हां...माल पार करा देगा.
रिपोर्टर- कैसे जाएगा नदी से.
आफताब- नदी से ही जाएगा.
इसके बाद हमारी टीम असम में लंका की पशु मंडी पहुंची. वहां ट्रकों पर गायें लादी जा रही थीं. हमने कुछ ड्राइवरों से बात की, तो असम से बांग्लादेश तक गायों की तस्करी का इंटरनेशनल रूट पता चल गया. ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि यहां से लोड हो रहा हर ट्रक सिलचर जाएगा. वहां से दूसरी गाड़ियां होंगी, जो बांग्लादेश बॉर्डर तक जाएंगी. फिर तीसरी गाड़ी से गायों को बांग्लादेश के अंदर अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाएगा. इस दौरान नदीं के जरिए भी तस्करी होती है.
ड्राइवर ने बताया तस्करी का प्लान
ट्रक ड्राइवर-1- हां, यहां से सिलचर जाएगा. वहां से दूसरी गाड़ी लेगा.
रिपोर्टर- दूसरी गाड़ी बंग्लादेश जाएगा.
ट्रक ड्राइवर-2- हां.
ट्रक ड्राइवर-1- बार्डर तक आप ले जा सकेगा.
ट्रक ड्राइवर-2- बार्डर तक. इसके बाद बंग्लादेश जाने के लिए तो गाड़ी बदलना होगा.
रिपोर्टर- गाड़ी बदलना होगा.
ट्रक ड्राइवर-1- हूं.
रिपोर्टर- उधर गाड़ी मिल जाएगा बंग्लादेश वाला.
ट्रक ड्राइवर-1- हां आराम से सिलचर में ही मिल जाएगा.
अब ये साफ हो चुका था कि नदी और जमीन दोनों तरीकों से असम से गायों को बांग्लादेश पहुंचाया जाता है. इसके बाद हम बांग्लादेश के बॉर्डर पर करीम गंज पहुंचे. वहां असम का सबसे बड़ा गाय तस्कर अब्दुल मोतीन हमसे मिलने के लिए तैयार हो गया. थोड़ी सी बातचीत के बाद मोतीन हमसे पूरी तरह खुल गया और धंधे की बात पर उतर आया. उसने हमें बांग्लादेश के बाजार के बारे में बताया, जहां भारत से तस्करी करके लाईं गईं गायें बेची जाती हैं. उसने हमें तस्करी का पूरा प्लान भी समझाया.
अब्दुल मोतीन- आपका माल बांग्लादेश में किस डिस्टिक जाएगा. मेरा एक बंदा फोन से काम करता है.
रिपोर्टर- डायरेक्ट नहीं देता क्या.
अब्दुल मोतीन- हम फोन से बिजनेस करता है. मैं जाके खुद माल खरीद नहीं करता है. आप का माल कहां से आएगा.
रिपोर्टर- लंका से.
अब्दुल मोतीन- लंका से कौन माल खरीद करेगा.
रिपोर्टर- लंका से हमारा आदमी खरीदेगा.
अब्दुल मोतीन- गाड़ी, भाड़ी, कस्टम, BSF और पुलिस का खर्चा लेकर दो लाख रुपया लेगा एक गाड़ी में.
अब्दुल मोतीन जिस ट्रक को बांग्लादेश सीमा पार करवाने के लिए 2 लाख रुपये मांग रहा था. उस ट्रक में 18 गायों को स्मगल किए जाने की डील हुई थी. अंदाजा लगाइये कि गो तस्करी के इस इंटरनेशनल गोरखधंधे की मार्किट कितनी बड़ी है. इस तरह से आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर ने असम से लेकर बांग्लादेश तक गाय के इंटरनेशनल गोरखधंधे का पर्दाफाश किया. जो पूरे संगठित तरीके से होता है. भारत की गाय माताएं बांग्लादेश बॉर्डर पार करके गो तस्करों के लिए मुनाफे का सौदा बन जाती हैं.