
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने रियो 2016 के ओलंपिक खेलों से पहले रियो डि जेनेरियो के सीवेज से भरे पानी का वायरस संबंधी टेस्ट नहीं कराने का फैसला किया है.
WHO के दिशानिर्देशों पर चलेगी IOC
गौरतलब है कि पूर्व में हुई एक जांच के मुताबिक रियो ओलंपिक के तैराकी और जल से जुड़ी अन्य प्रतियोगिताओं के सभी स्थलों में भारी मात्रा में रोग पैदा करने वाले वायरस हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खिलाड़ियों को खतरा हो सकता है. रियो की सीवेज संबंधी प्रदूषण समस्या को लेकर संवाददाता सम्मेलन में पूछे गये सवाल में ओलंपिक खेलों के कार्यकारी निदेशक क्रिस्टोफर दुबी ने कहा कि आईओसी बैक्टीरिया के परीक्षण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही चलेगा.
बेहद गंदा है पानी
पानी की गुणवत्ता को लेकर स्वतंत्र जांच के विश्लेषण से पता चला था कि रियो के पानी में वायरस का स्तर काफी अधिक है और कुछ मामलों में तो रियो ओलंपिक और पैरालंपिक के जल से जुड़ी प्रतियोगिताओं के स्थलों में मानव मल से पैदा होने वाले बैक्टीरिया भी पाए गए थे. इनमें रोड्रिगो डि फ्रीटास लागून, गुआनाबारा बे और कोपाकबाना बीच भी शामिल है. इनमें से लागून में रोइंग, गुआनबारा में सेलिंग और कोपाकाबाना बीच पर लंबी दूरी की तैराकी स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा.
इनपुट: भाषा