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पाकिस्तान में इंटरनेट पर आजादी नहीं, सबसे खराब देशों में शामिल

इंटरनेट पर सर्च की जाने वाली चीजों को सीमित करने के मामले में पाकिस्तान ने 35 में से 14 स्कोर किया है और उपयोगकर्ता अधिकार सूचकांक के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान ने 40 में से सात अंक प्राप्त किए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • कराची,
  • 07 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST

  • फ्रीडम हाउस ने जारी किया फ्रीडम ऑन द नेट रिपोर्ट
  • पाकिस्तान को 100 (सबसे खराब) में से 26वें नंबर पर

कश्मीर में इंटरनेट की सेवा ठप रहने के चलते पाकिस्तान भारत की आलोचना करता रहा है, लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि लगातार नौ साल से इंटरनेट उपयोग के मामले में पाकिस्तान में आजादी नहीं है. इसी के साथ इस साल पाकिस्तान ने इस मामले में 100 से 26 स्कोर किया है जबकि पिछले साल यह 27 था.

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फ्रीडम हाउस (गैर सरकारी संगठन) ने मंगलवार को 'द क्राइसिस ऑफ सोशल मीडिया' शीर्षक के साथ अपनी फ्रीडम ऑन द नेट (एफओटीएन) रिपोर्ट को जारी किया, जिसमें जून 2018 से मई 2019 के बीच वैश्विक इंटरनेट स्वतंत्रता में समग्र गिरावट दर्ज की गई है.

रिपोर्ट में खुलासा

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट में पाकिस्तान को 100 (सबसे खराब) में से 26वें नंबर पर रखा गया है, पिछले साल की रैंकिंग के मुकाबले यह एक स्थान नीचे है. इंटरनेट के उपयोग में आने वाली बाधाओं के लिए इस देश ने 25 में से 5 स्कोर किया है,

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इंटरनेट पर सर्च की जाने वाली चीजों की सीमित मात्रा में पाकिस्तान ने 35 में से 14 स्कोर किया है और उपयोगकर्ता अधिकार सूचकांक के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान ने 40 में से सात अंक प्राप्त किए हैं.

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वैश्विक स्तर पर, इंटरनेट और डिजिटल मीडिया स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान दस सबसे खराब देशों में से एक है. क्षेत्रीय रैंकिंग के मामले में पाकिस्तान, वियतनाम और चीन के बाद तीसरा सबसे खराब देश है.

फैलाई जा रही गलत जानकारी?

इंटरनेट स्वतंत्रता में आई गिरावट के अलावा रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पाकिस्तान में सूचनात्मक रणनीति के माध्यम से चुनाव में भी हेरफेर किया गया है जिनमें अति-पक्षपात टीकाकरों, बोट्स (इंटरनेट प्रोग्राम) या भ्रामक या गलत जानकारी फैलाने के लिए न्यूज साइट के साथ-साथ कनेक्टिविटी पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और वेबसाइट्स की ब्लॉकिंग जैसे तकनीकी चाल भी शामिल हैं.

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