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ये हैं कारण, क्यों हिट होने जा रहा है मेक इन इंडिया!

बाग्ला ने बताया कि दो महीने पहले देश में वॉलमार्ट की डील हुई और उसने सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को खरीद लिया. लेकिन 40 महीने पहले कंपनी का मार्केट वैल्यू बेहद कम था वहीं वॉललमार्ट ने इसे एक ऊंची कीमत देकर खरीदा. आखिर ऐसा क्यों हुआ?

इंवेस्ट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक बाग्ला इंवेस्ट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक बाग्ला
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप के मेक इन इंडिया इमरजिंग आत्रेप्रन्योर अवार्ड के मौके पर इंवेस्ट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ दीपक बाग्ला ने बताया कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत में वह सभी कारण मौजूद हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि केन्द्र सरकार का मेक इन इंडिया कार्यक्रम सफलता की ओर बढ़ रहा है. अपनी दलील में दीपक ने बताया कि क्यों वैश्विक निवेशकों की नजर में भारत बड़ा निवेश करने के लिए सबसे उपर्युक्त ठिकाना है.

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बाग्ला ने बताया कि दो महीने पहले देश में वॉलमार्ट की डील हुई और उसने सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को खरीद लिया. लेकिन 40 महीने पहले कंपनी का मार्केट वैल्यू बेहद कम था वहीं वॉललमार्ट ने इसे एक ऊंची कीमत देकर खरीदा. आखिर ऐसा क्यों हुआ? बाग्ला ने कहा कि यह न्यू इंडिया है. भारत एक बड़ा बाजार है और इस बाजार पर वैश्विक निवेशकों की नजर के चलते यह डील संभव हो सकी है.

बाग्ला ने कहा कि 2000-2017 तक देश में जितना एफडीआई आया, इसका आधा महज बीते एक साल के दौरान देश में आया है. इनमें से ज्यादातर निवेश ओपन सोर्सिंग नियम से आया जहां सरकार से मंजूरी की जरूरत नहीं थी. बाग्ला ने कहा कि जिस तरह भारत को ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने में लगे समय से कम समय 2 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने में लगा. अब हम 3 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी अगले 3 साल के दौरान बनने जा रहे है.

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बाग्ला ने कहा कि देश में 9 राज्य 7 फीसदी से अधिक ग्रोथ दे रहे हैं. वहीं कुछ राज्य अगले कुछ वर्षों में इस क्षमता पर पहुंच जाएंगे. इसके बाद अंतिम पायदान पर खड़े राज्यों का नंबर है. वैश्विक बाजार भारत की इस छमता को देख रहा है और यही न्यू इंडिया है जिसके चलते वैश्विक स्तर पर कंपनियों का रुझान भारत की तरफ बढ़ रहा है.

बाग्ला ने कहा कि 2023 में हमारी जनसंख्या 1.5 बिलियन होगी इनमें एक-तिहाई 35 साल से कम जनसंख्या होगी. इसका मतलब दुनिया की आधी वर्कफोर्स भारत में होगी. वैश्विक स्तर पर निवेशक इस आंकड़े को देख रहे हैं.

बाग्ला ने कहा कि 2019-20 के दौरान एक भारतीय कितने डॉलर अपने जीवन काल में खर्च करता उसमें कितना बड़ा इजाफा दर्ज होने जा रहा है. इस रकम को यदि देश की जनसंख्या से गुणा कीजिए तो आपकों समझ आएगा कि भारत कितना बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनकर तैयार हो रहा है. इसके चलते भी दुनियाभर से निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं.

आज भारत दुनिया में इंटरनेट पर मौजूद देशों में दूसरा सबसे बड़ा देश है. इसके साथ ही भारत सबसे बड़ा देश है जहां इंटरनेट को लोगों तक पहुंचाना है. यह सत्य भी दुनियाभार की कंपनियों के लिए भारत को एक चमकता सितारा बनाकर दिखा रहा है.

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आज चीन की मोबाइल कंपनी को सबसे बड़ा यूजरबेस भारत में मिल रहा है. 2050 मध्यम वर्ग भारत को उसी डिमांड पर पहुंचा देगा जो आज जी-7 देशों का स्तर है. भारत में एक नया अमेरिका बन चुका होगा. इन आधार पर बाग्ला ने दावा किया कि देश का फ्लैगशिप प्रोग्राम मेक इन इंडिया अपनी सफलता की ओर बढ़ा रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत पूरी दुनिया के लिए उत्पादन करने लगेगा.

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