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IOA को रियो ओलंपिक में भारत के 12 से 15 पदक जीतने की उम्मीद

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, निशानेबाज जीतू राय और पहलवानों को पदक का प्रबल दावेदार बताते हुए  उम्मीद जताई कि भारत रियो ओलंपिक में पिछली बार की तुलना में दोगुने पदक जीतने में सफल रहेगा.

रियो में पांच से 21 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा रियो में पांच से 21 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, निशानेबाज जीतू राय और पहलवानों को पदक का प्रबल दावेदार बताते हुए उम्मीद जताई कि भारत रियो ओलंपिक में पिछली बार की तुलना में दोगुने पदक जीतने में सफल रहेगा.

आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, ‘इस बार हमारा सबसे बड़ा दल ओलंपिक में जा रहा है और हमें उम्मीद है कि भारत इस बार 12 से 15 पदक जीतने में सफल रहेगा.’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमें सभी खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की आशा है लेकिन साइना नेहवाल, जीतू राय, मुक्केबाज विकास कृष्णन, टेनिस में युगल टीम, तीरंदाजी, कुश्ती और पुरुष हॉकी पर हमारी काफी उम्मीदें टिकी हैं.’

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‘लंदन की तुलना में दोगुने पदक मिलेंगे’
रियो ओलंपिक के लिए भारतीय दल प्रमुख राकेश गुप्ता ने हालांकि स्पष्ट किया कि 15 पदक जीतने की गारंटी नहीं दी जा सकती है लेकिन कहा कि इस बार भारत को लंदन ओलंपिक की तुलना में अधिक पदक मिलेंगे. भारत ने 2012 ओलंपिक में छह पदक जीते थे. गुप्ता से जब मिशन ओलंपिक की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया जिसमें रिपोट्स के अनुसार 20 पदक की उम्मीद जताई गई है, उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी यह रिपोर्ट नहीं देखी है और जब तक हम इसे देख नहीं लेते तब तक कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. हम 15 पदक की गारंटी नहीं दे सकते हैं लेकिन इस बार हम पिछली बार की तुलना में अधिक पदक जीतने में सफल रहेंगे.’

उन्होंने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि भारत में मुक्केबाजी का राष्ट्रीय महासंघ नहीं होने के बावजूद मुक्केबाज रियो ओलंपिक में आईओए ध्वज तले ही हिस्सा लेंगे. गुप्ता ने हालांकि स्वीकार किया कि महासंघ नहीं होने के कारण मुक्केबाजों को विदेशों में खेलने के कम मौके मिले.

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इसी तरह से कुश्ती में 74 किग्रा भार वर्ग में सुशील कुमार और नरसिंह पंचम यादव में से कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, यह मामला तूल पकड़ गया और आखिर में अदालत को दखल देना पड़ा था. अब इस भार वर्ग में कोटा हासिल करने वाले नरसिंह ही रियो में खेलेंगे लेकिन मेहता ने स्वीकार किया इससे माहौल प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा, ‘यह महासंघ का मामला है और महासंघ ने जो भी फैसला किया वह उसका अधिकार था. मैं भी यह स्वीकार करता हूं कि जो माहौल बना है उससे प्रभाव जरूर पड़ेगा. लेकिन हमें कुश्ती में पदक की उम्मीद है.’

आठ कोच ले जाने की अनुमति मिल सकती है
मेहता ने इसके साथ ही कहा कि हॉकी इंडिया को पुरुष और महिला टीम के लिए आठ आठ कोच ले जाने की अनुमति दी जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘अभी हमें पूरे दल पर गौर करना है और उसके बाद यदि गुंजाइश बनती है तो तर्कसंगत मांग को स्वीकार कर लिया जाएगा.’

रियो में जीका वायरस को लेकर फैले भय को भी आईओए ने दरकिनार कर दिया. भारतीय दल के उप प्रमुख आनंदेश्वर पांडे ने कहा, ‘जीका को लेकर किसी भी खिलाड़ी ने आपत्ति नहीं उठाई है. हम उसको लेकर चिंतित नहीं है. पीलिया का टीका लगता है. राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भी मलेरिया को लेकर डर पैदा हुआ था लेकिन कोई भी खिलाड़ी बीमार नहीं हुआ. हम इस संबंध में आईओसी के मार्गनिर्देशिका का पालन कर रहे हैं.’

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आईओए ने इसके साथ ही साफ किया कि रियो में भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय भोजन की कमी नहीं खलेगी. आयोजन समिति के अलावा भारतीय दूतावास भी भारतीय भोजन मुहैया कराएंगे. आईओए ने इस अवसर पर अमूल के साथ करार भी किया.

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