
वर्ल्ड क्रिकेट के बड़े नाम आज बेंगलुरु में शुरू हो रही आईपीएल की दो दिवसीय नीलामी में उतरेंगे तो उन पर भारी भरकम बोली लगने की संभावना है. इस साल 578 खिलाड़ी नीलामी में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 360 (62 कैप्ड और 298 अनकैप्ड) भारतीय हैं. 218 विदेश खिलाड़ियों में 182 कैप्ड, 34 अनकैप्ड और 2 एसोसिएट टीम के होंगे. भारत और वर्ल्ड के टॉप 16 क्रिकेटरों को मार्की प्लेयर्स का दर्जा दिया गया है और उनका बेस प्राइज दो करोड़ रुपये है.
इसमें बेन स्टोक्स (इंग्लैंड), रविचंद्रन अश्विन (भारत), शिखर धवन (भारत), युवराज सिंह (भारत), हरभजन सिंह (भारत), गौतम गंभीर (भारत), अजिंक्य रहाणे (भारत), मिशेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया), क्रिस गेल (वेस्टइंडीज) और ड्वेन ब्रावो (वेस्टइंडीज) जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं.
फ्रेंचाइजी पर्स
1. किंग्स इलेवन पंजाब - 67.5 करोड़ रुपये
2. राजस्थान रॉयल्स - 67.5 करोड़ रुपये
3. कोलकाता नाइट राइडर्स - 59 करोड़ रुपये
4. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु - 49 करोड़ रुपये
5. मुंबई इंडियंस - 47 करोड़ रुपये
6. दिल्ली डेयरडेविल्स - 47 करोड़ रुपये
7. चेन्नई सुपर किंग्स - 47 करोड़ रुपये
8. सनराइजर्स हैदराबाद - 59 करोड़ रुपये
'राइट टू मैच' के नियम
अगर बिका हुआ खिलाड़ी 'राइट टू मैच' के तहत नियम में आता है, तो नीलामीकर्ता उस क्रिकेटर की पुरानी टीम से पूछेगी कि क्या उनको आरटीएम के तहत यह खिलाड़ी चाहिए या नहीं. अगर पुरानी टीम का जवाब हां है, तो वह खिलाड़ी उसी दाम में अपनी पुरानी टीम में चला जाएगा. अगर टीम ना कहती है, तो जिस टीम ने बोली लगा कर क्रिकेटर को खरीदा था वह उसका हो जाएगा.
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने रिटेन पॉलिसी और राइट टू मैच के तहत 5 खिलाड़ियों को अपनी पुरानी टीम में बरकरार रहने के मौके दिए थे. रिटेन किए गए खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है, लेकिन 'राइट टू मैच' के तहत खिलाड़ियों पर सभी टीमें नीलामी के दिन ही इच्छा जाहिर करेंगी.
'राइट टू मैच' के नियम के अनुसार यदि किसी टीम ने तीन खिलाड़ियों को रिटेन किया है, तो वह 2 खिलाड़ियों 'राइट टू मैच' के तहत अपनी टीम में वापस ले सकती है और अगर किसी टीम द्वारा 3 से कम खिलाड़ियों को रिटेन किया गया है, तो वह तीन खिलाड़ियों पर 'राइट टू मैच' का कार्ड इस्तेमाल कर सकती है.
आसान नहीं होगी इस बार की नीलामी
पिछले सीजन में रिकॉर्ड 14 करोड़ 50 लाख रुपये में बिके इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के लिए एक बार फिर फ्रेंचाइजियों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ सकती है. साल 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से इस स्तर की नीलामी नहीं हुई है, जहां इतने सारे स्टार भारतीय खिलाड़ियों की बोली लगे.
इन खिलाड़ियों पर होंगी नजरें
खेल के छोटे फॉर्मेट में अश्विन और अजिंक्य रहाणे भले ही पिछले कुछ समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हों लेकिन इसके बावजूद फ्रेंचाइजियों के बीच इन्हें लेकर काफी रुचि होने की उम्मीद है. बैटिंग, ऑफ स्पिन बॉलिंग और विकेटकीपिंग की क्षमता के कारण केदार जाधव को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम एक बार फिर खरीदना चाहेगी. कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे कलाई के स्पिनरों की भी भारी मांग रहने की उम्मीद है. टी-20 फॉर्मेट में सफल रहे लोकेश राहुल, मनीष पांडे और दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों पर भी नजरें रहेंगी.
टी-20 में अच्छे कलाई के स्पिनरों की मांग को देखते हुए अफगानिस्तान के राशिद खान को एक बार फिर अच्छी धनराशि मिल सकती है. महेंद्र सिंह धोनी ने हाल में कहा था कि चेन्नई सुपरकिंग्स अश्विन को खरीदने की कोशिश करेगा, लेकिन देखना यह होगा कि उनके लिए राइट टू मैच कार्ड उपलब्ध नहीं होने के बावजूद टीम इस ऑफ स्पिनर के लिए कितनी राशि दांव पर लगाने के लिए तैयार होगी.
सीएसके की टीम ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को खरीदने की कोशिश कर सकती है, क्योंकि धोनी इससे पहले डग बोलिंगर और आशीष नेहरा जैसे गेंदबाजों को टीम में जगह देते रहे हैं.अगर आरसीबी की टीम स्टार्क के लिए राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल करती है, तो सीएसके जयदेव उनादकट को खरीद सकती है, जिन्होंने पिछले सीजन में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था.
सीएसके की टीम हालांकि ड्वेन ब्रावो के लिए राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल कर सकती है जो टीम में धोनी के भरोसेमंद रहे हैं. दूसरी तरफ दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम अश्विन और गौतम गंभीर को अपने साथ जोड़ना चाहेगी. गंभीर को अगर टीम खरीदती है, तो उन्हें कप्तान बनाया जा सकता है.